बाड़मेर में इन धार्मिक स्थलों में करें गर्मी में सैर
– बाड़मेर जिले में अब धार्मिक पर्यटन के लिए स्थान बनता जा रहा है। इसको लेकर गर्मियों में भी लोग पहुंचने लगे है।
बाड़मेर.
गर्मी की छुट्टियां बिताने की सोच रहे लोगों को सकून और तीर्थ यात्रा की इच्छा है तो बाड़मेर के पंच तीर्थ स्थल पर आकर वे अच्छा महसूस कर सकते है। साथ ही बॉर्डर की टूर की भी उनकी इच्छा पूरी हो सकती है।
बाड़मेर के बालोतरा रेलवे स्टेशन पर इसके लिए उतरना होगा और बालोतरा के पास से ही उनका यह टूर प्लान शुरू हो जाता है जहां से वे तीर्थ यात्रा का योग बना सकते है।
नाकोड़ा
यह जैन तीर्थ है जो बालोतरा रेलवे स्टेशन से 15 किमी की दूरी पर है। यहां बालोतरा रेलवे स्टेशन से ही सुविधा मिल जाएगी। नाकोड़ा में भैरव मंदिर के साथ ही जैन मंदिर है जहां प्रतिवर्ष लाखों लोग दर्शनार्थ आते है। नाकोड़ा में ठहरने की पर्याप्त सुविधा है। पहाडिय़ों के बीच में रमणीय स्थल में सुबह-शाम सकून का अनुभव होता है।
आसोतरा
आसोतरा में ब्रह्मामंदिर है। यह राजपुरोहित समाज का बड़ा तीर्थ स्थल है,जहां खेताराम महाराज की समाधि भी है। बालोतरा से करीब 15 किमी दूर इस स्थान का एकांत और शांत वातावरण अपने आप में अलग है। यहां पर भी प्रतिवर्ष आठ से दस लाख लोग आते है। राजपुरोहित समाज सहित ब्रह्मधाम में आस्था से जुड़े लाखों लोगों का यहां आना जाना रहता है।
जसोल
माता राणी भटियाणी के मंदिर के कारण प्रसिद्ध इस स्थान पर लाखों लोगों का जुड़ाव है। ट्रस्ट की ओर से यहां अब ठहरने का बेहतर इंतजाम किया हुआ है। मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद इसकी छवि अलग ही नजर आ रही है। जसोल में पास में ही लेफ्टिनेंट जनरल हणूतसिंह के पैतृक आवास पर टैंक रखा हुआ है। ज्ञातव्य रहे कि उन्होंने पूना होर्स रेजीमेंट में 1971 का युद्ध लड़ते हुए पाकिस्तान की पूरी टैंक रेजीमेंट को तबाह किया था।
पचपदरा रिफाइनरी
बालोतरा के निकट ही पचपदरा में राज्य का मेगा प्रोजेक्ट रिफाइनरी निर्माणाधीन है। पचपदरा में रिफाइनरी निर्माण से आ रहे परिवर्तन को देखने का यह सही समय है और यहां पर इन दिनों ओद्यौगिक विकास भी नजर आता है।
Source: Barmer News