बाड़मेर पत्रिका.
शहर के सोन और वैणासर तालाब की सुध नगरपरिषद ने लेना शुरू किया है लेकिन कारेली तालाब को अभी भी इंतजार करना पड़ेगा। तालाबों की रमणिकता और नैसर्गिक सौंदर्य को लौटाने को लेकर प्रयास नाकाफी होने की परत उजागर होने के बाद यह कदम उठाया गया है।
राजस्थान पत्रिका ने 10 अप्रेल 2022 के अंक में मेरा शहर मेरी जिम्मेदारी महा अभियान के तहत सोन, वैणासर और कारेली पर कृपा कहां अटकी है खबर का प्रकाशन की तालाबों की दुर्दशा को बताया गया। इसके बाद जिम्मेदारों की ओर से इसकी सुध ली जा रही है। इधर एनजीटी की ओर से भी दाखिल पीएलआइ में पाबंद किया गया है कि इन तालाबों के संरक्षण के कदम नगरपरिषद उठाए।
बारिश में होगा उपयोगी
ताबाल का लेवल सुधारने व झाडिय़ों की कटिंग होने के बाद बारिश का पानी इस तालाब में जमा होगा। ऐसे में पशु पक्षियों के लिए यह तालाब संजीवनी का काम करेगा।
सौन्दयज़् को मिलेगा बढ़ावा
तालाब में बारिश का पानी भरने के बाद इसके सौन्दयज़् में चार चांद लग जाएंगे। तालाब के चारों और पहाडिय़ा व विभिन्न देवी देवताओं के मंदिर होने के कारण यह शहर का रमणीक स्थान बन जाएगा।
अब ये आ रही समस्या
तालाब की सुध लेने के लिए कायज़् तो शुरू हो गया लेकिन इस तालाब में सीढिय़ा नहीं होने के कारण छोटे बच्चों के साथ अन्य लोगों के लिए भी यह किसी खतरे से कम नहीं है। जिम्मेदारों की ओर से इसकी सीढिय़ा नहीं बनाने के कारण हरदम हादसे की आशंका लगी रहती है।
Source: Barmer News