सूखने के कगार पर ऐतिहासिक खांडिया तालाब, तोलेसर में गहराया पेयजल संकट
बेलवा (जोधपुर) . कभी ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स को अभिभूत करने एवं तोलेसर चारणान गांव की प्यास बुझाने वाला खांडिया तालाब अब सूखने के कगार पर है। कम बरसात होने के कारण अब तालाब में कुछ ही समय के लिए पानी बचा है। तालाब का पानी सूखने के साथ ही हिमालय पेयजल योजना का पानी भी नियमित रूप से आपूर्ति नहीं होने के कारण ग्रामीण 800 से 1000 रुपए देकर पानी के टैंकर मंगवाने काे मजबूर हैं।
ग्रामीण बताते हैं कि हनवंतसिंह चेरिटेबल ट्स्ट के साथ जल भागीरथी फांउडेशन व एसएसबीसी के सहयोग से तोलेसर के खांडिया तालाब की खुदाई, पाल निर्माण सहित कई अन्य निर्माण कार्य करने से मॉडल के रूप में विकसित किया था।
ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स 2010 में आए थे खांडिया तालाब
ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स मरूस्थलीय क्षेत्रों के गांवों में जल संरक्षण व संरचना की तकनीकों को देखने के लिए 2010 में तोलेसर चारणान गांव के खांडिया तालाब आए थे। ग्रामीण तालाब से सालभर अपनी आवश्यकता के पानी का उपयोग करते रहे हैं। इस बार बारिश कम होने के कारण तालाब में पानी बहुत कम बचा है।
दस दिन में आता है हिमालय का पानी
ग्रामीणाें ने बताया कि गांव को हिमालय के पानी से जोड़ने वाली पाइपलाइन में दस से पन्द्रह दिनों में एक बार पानी की आपूर्ति होती है। ऐसे में गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की किल्लत और अधिक बढ़ गई है। ग्रामीणों के अनुसार गांव में बनी छह सार्वजनिक जीएलआर पिछले लंबे समय से सूखी पड़ी है। नाकारा जीएलआर से हौज में पानी नहीं पहुंचने से मवेशियों के लिए पेयजल का गंभीर संकट पैदा हो गया है।
800 रुपए में डलवा रहे टैंकर
गांव में पेयजल संकट के चलते ग्रामीण महंगे दामों पर टैंकरों से पेयजलापूर्ति करवाने को मजबूर है। गांव में 800 रुपए तक में टैंकर से पानी की सप्लाई होती है। वहीं लोग अपने निजी वाहनों से भी दूर के जलस्त्रोतों से पानी का परिवहन कर रहे हैं। ग्रामीण बताते है कि विभाग द्वारा टैंकर जलापूर्ति के लिए लगाया है लेकिन सुचारू पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है।
इनका कहना है
तोलेसर गांव में पांच -छह दिन में हिमालय का पानी सप्लाई हो रहा है। वहीं विभाग द्वारा पांच केएल के टैंकर द्वारा भी जलापूर्ति के प्रयास किए जा रहे हैं। अवैध कनेक्शन हटाकर गांव की ढाणियों में सुगमता से पानी आपूर्ति के प्रयास किए जाएंगे।
मनोज व्यास, कनिष्ठ अभियंता,
पीएचईडी बालेसर.
Source: Jodhpur