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जोधपुर।

भगवान विष्णु का प्रिय मास वैशाख 17 अप्रेल से शुरू हो चुका है, जो 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा को खत्म होगा। हिन्दू कैलेंडर के इस दूसरे महीने को ब्रह्माजी ने सभी महीनों में उत्तम कहा है, क्योंकि इस महीने में भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने से कई गुना शुभ फल मिलता है । इस महीने में जल और अन्न दान का भी विशेष महत्व माना गया है। वैशाख मास में 28 अप्रेल, 3 मई, 4,6, 14 और 16 मई को सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग होने से धार्मिक अनुष्ठान व खरीदारी के लिए भी सर्वोत्तम दिन माने गए है।

पितरों को करें प्रसन्न

इस माह में जो प्याऊ लगवाता है, वह देवता, ऋषि व पितरों सबको तृप्त करता है। जिसने एक व्यक्ति को भी जल पिलाया वह ब्रह्मा, विष्णु व शिव को भी प्रसन्न करने वाला होता है। जल पात्र, पादुका, हवा झलने वाले पंखे, वस्त्र, जलदान, छतरी, अन्न व फलदान का अनन्त गुना फल मिलता है।

पंचामृत का भोग
वैशाख महीने को माधव मास भी कहा जाता है। इस महीने भगवान विष्णु को पंचामृत और तुलसी का भोग लगाना चाहिए। सफेद और पीले पुष्प चढ़ाने से पूजा विशेष फलदायी बन जाती है।

गंगा स्नान का फल
इस महीने में प्यासे को जल पिलाने से गंगा स्नान का फल मिलता है। पशु-पक्षियों के लिए पानी और उचित स्थानों पर परिंडें लगाना चाहिए।

श्रीहरि उपासना का महीना
वैशाख, खासतौर से श्रीहरि, देवी और परशुरामजी की उपासना का महीना है। विष्णु पूजा, गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान-दान का कई गुना फल मिलता है। इस महीने अच्छी सेहत के लिए जल के साथ सत्तू का सेवन लाभकारी है।

अक्षय तृतीया को खरीदारी के शुभ मुहूर्त
ज्योतिषी अनीष व्यास ने बताया कि अक्षय तृतीया तिथि 3 मई को सुबह 5.19 बजे से शुरू होकर 4 मई की सुबह 7.33 बजे तक रहेगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र सुबह 12.34 बजे से 4 मई की सुबह 3.18 बजे तक रहेगा। अबूझ मुहूर्त माने जाने वाले दिन अक्षय तृतीया को विवाह व धार्मिक अनुष्ठान के साथ वस्त्र, आभूषण, भवन व वाहन आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।

Source: Jodhpur

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