Jodhpur city
जोधपुर संभाग के सांचौर से 57 किलोमीटर दूरी पर चितलवाना तहसील के रण खार गांव के आसपास रहने वाले जंगली Donkey के संरक्षण के लिए सोमवार को राज्य सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए Conservation reserve घोषित किया है। Rajasthan patrika में जंगली गधों के संरक्षण को लेकर 24 अप्रेल को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। क्षेत्र में जंगली गधों के अलावा चिंकारा , जंगली बिल्ली और जरख भी बहुतायत में पाए जाते है। वनविभाग के शासन सचिव बी . प्रवीण ने इस बाबत सोमवार को आदेश जारी किया।
क्या है राज्य सरकार आदेश में
वन्य जीव ( संरक्षण ) अधिनियम , 1972 ( 1972 का केन्द्रीय अधिनियम सं . 53 ) की धारा 36 क की शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने जालोर जिले की चितलवाना तहसील के रणखार ग्राम की 7288.61 हेक्टर वन भूमि एवं राजस्व भूमि को पारिस्थितिकीय एवं प्राणी जातीय , वनस्पति भू – संरचना सम्बन्धित नैसर्गिक एवं प्राणीशास्त्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए संरक्षण आरक्षित ( कंजर्वेशन रिजर्व ) घोषित किया है। जिसे भविष्य में रणखार संरक्षण आरक्षित के नाम से जाना जाएगा। इसमें जोधपुर संभाग के जालोर जिले के चितलवाना तहसील के रणखार ग्राम के खसरा संख्या 1,3,4, 2 व 5 को शामिल किया गया जिसमें जंगली गधों सहित अन्य प्रजातियों के वन्यजीवों का प्राकृतवास है। उल्लेखनीय है राजस्थान पत्रिका में 24 अप्रेल को प्रकाशित समाचार में इॅको टूरिज्म को बढ़ावा देने व स्थानीय लोगों को रोजगार सुलभ कराने के लिए क्षेत्र को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित करने की मांग की थी।
बिग बी ने भी किया था कैंपेन विज्ञापन
कच्छ के रण में पाया जाने वाला अनोखा प्राणी है . न घोड़ा है और ना ही दोनों के मेल से बनने वाला खच्चर है । घुड़खर का वजन लगभग ढाई सौ किग्रा होता है और यह अधिकतम 70 से 80 किमी तक रफ्तार से दौड़ सकता है । लुप्तप्राय जीवों में होने से घुड़खर को वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम 1972 के अंतर्गत प्रथम सूची में रखा गया है । अमिताभ बच्चन ने घुड़खर का कैंपेन विज्ञापन किया था।
पश्चिमी राजस्थान के अन्य क्षेत्रों की उम्मीद बढ़ी
पश्चिमी राजस्थान में वन्यजीवों पर शोध करते हुए कई वन्यजीव बहुल क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है जिनमें से एक रणखार भी शामिल है। इसे कंजर्वेशन घोषित करने से मारवाड़ के विभिन्न अन्य वन्यजीव बहुल क्षेत्र खींचन, सरदार समंद, कोरना आदि क्षेत्रों को भी कंजर्वेशन रिजर्व के रूप में घोषित होने की उम्मीद है।
– हेमसिंह गहलोत, निदेशक, वाइल्ड लाइफ रिसर्च एण्ड कंजर्वेशन अवेयरनेस सेटर, जेएनवीयू जोधपुर
Source: Jodhpur