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Reverse trap case – रिश्वत के बहुचर्चित Reverse trap रिवर्स ट्रेप मामले में बुधवार को उस वक्त नया मोड़ आ गया जब शहर की एक निचली अदालत ने पुलिस कमिश्नर को एक आईपीएस अधिकारी व थानाधिकारी समेत चार पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगाए गए चोरी के आरोपों की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।

अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई) ने परिवादी बीजेएस निवासी विक्रमसिंह की ओर से पेश इस्तगासे की सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपों की जांच खुद पुलिस कमिश्नर करे या अपने समकक्ष किसी अधिकारी से अनुसंधान करवा कर अदालत में रिपोर्ट पेश करे। परिवादी की ओर से अधिवक्ता कमेंद्रसिंह ने मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश इस्तगासे में आईपीएस तत्कालीन एसीपी (पूर्व) राजेश मीणा, रातानाडा थाने के तत्कालीन एसएचओ भूपेंद्रसिंह, एसआई गणपत लाल व सिपाही महेंद्र को आरोपी बनाया है।

आरोप है कि थानाधिकारी ने अन्य पुलिस कर्मियों के साथ परिवादी की अनुपस्थित में उसके घर की तलाशी के नाम पर चार लाख रुपए पार कर लिए। अदालत ने फैसले में कहा कि आरोपियों में तत्कालीन एसीपी (पूर्व) राजेश मीणा भी है। ऐसे में एसीपी रैंक के उच्चाधिकारी से अनुसंधान कराया जाना उचित होगा। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को भगत की कोठी थाने में एफआईआर दर्ज कर खुद अनुसंधान करने या अपने समकक्ष किसी अधिकारी से जांच करवाने को कहा है।

यह है मामला
परिवादी विक्रम को रातानाडा थाना पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में 21 मई 2019 को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि अगले दिन थानाधिकारी भूपेंद्र, एसआई गणपत व कांस्टेबल महेंद्र ने विक्रम के फ्लैट से चार लाख रुपए कागज के लिफाफे में डाल कर अपने पास रख लिए। हाईकोर्ट से जमानत के बाद विक्रम ने पुलिस ने रुपए वापस मांगे और 18 जून 2019 को एसीबी में शिकायत कर दी। एसीबी ने Reverse trap रिवर्स ट्रैप की कार्रवाई करते हुए थानाधिकारी को गिरफ्तार कर एक लाख रुपए बरामद किए थे।

Source: Jodhpur

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