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बाड़मेर. नहर में क्लोजर पहले से चल रहा है, इसके कारण शहरी क्षेत्र में पानी का संकट बढ़ चुका है। गांवों का हाल तो इससे भी बुरा है। वहां पानी का भारी किल्लत के बीच अब बिजली की घंटों तक कटौती और अघोषित कटौती गर्मी में आमजन पर भारी पड़ रही है। पहले पानी नहीं मिल रहा है, उस पर बिजली की मार से कहीं लोगों का दम न निकल जाए, इस तरह की स्थिति गांवों में बनती दिख रही है।
बिजली के कारण शहरी क्षेत्र के आसपास के एरिया में भी दिन में पता नहीं कितनी बार आपूर्ति गुल हो रही है। बिजली की अघोषित कटौती से आमजन परेशान है। हालांकि अभी नगर पालिका क्षेत्रों में बिजली की 1-2 घंटों तक कटौती की जा रही है। वहीं गांवों में 3-4 घंटे बिजली की कटौती है। लेकिन इस बीच यह अघोषित रूप से कितनी बार गुल हो रही है, यह पीड़ा भीषण गर्मी को झेल रहे लोग ही बता सकते है।
शहर में सात दिन में 2 दिन पानी
नहर में क्लोजर के बाद बाड़मेर शहर में एकांतरे की बजाय सात दिन में मुश्किल से दो दिन पानी आ रहा है और उसका भी कोई दबाव नहीं। विभाग का दावा नियमित आपूर्ति का यहां पर फैल दिखता है जब हर गली और घर में सात दिनों में कम से कम एक बार पानी का टैंकर आ रहा है। गलियों में पूरे दिन पानी के टैंकर दौड़ रहे है। यह दृश्य बता देते हैं कि शहर में पानी कितना आ रहा है। टैंकर भी एडवांस बुकिंग पर है और इसमें तय से ज्यादा समय के बाद ही लोगों के घरों तक पहुंच रहा है।
गांवों में पानी के हालात बहुत बुरे
ग्रामीण क्षेत्रों में लगे नल तो सूख चुके है। पशुओं के लिए पानी नहीं मिल रहा है और आमजन भी पेजयल को लेकर त्राहि-त्राहि कर रहा है। कहीं टैंकर पहुंच जाता है तो कतारें इतनी लम्बी होती है कि आखिरी छोर आने तक पानी ही खत्म हो जाता है। जितनी जरूरत है उसका तो आधा पानी भी गांवों तक नहीं पहुंच रहा है। अकालग्रस्त गांवों में हालात और भी विकट है।
शिव : बिजली और पानी का इंतजार
शिव क्षेत्र में संपूर्ण 178 राजस्व गांव अभावग्रस्त घोषित है। तेज गर्मी के दौरान क्षेत्र में दो से तीन घंटे बिजली कटौती रहती है। जिसका कोई समय निर्धारित नहीं है। कभी सुबह तो कभी दोपहर या शाम में भी कटौती हो रही है। तहसील क्षेत्र के करीब 60 गांव व ढाणियों में टैंकरों से पेयजल परिवहन का कार्य स्वीकृत हुआ है इन गांव -ढाणियों में आवश्यकता के अनुरूप पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। लिफ्ट कैनल परियोजना के तहत जेजेएम में गांवों तक पाइपलाइन तो पहुंच गई लेकिन पानी का इंतजार है। अधिकारियों के पास एक ही जवाब है, व्यवस्था की जा रही है।
रामसर: अघोषित कटौती से परेशान
रामसर के चाडी जीएसएस से जुड़े हुए कई गांव में लंबे समय से बिजली की अघोषित कटौती हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी में प्रतिदिन 4 घंटे बिजली की कटौती हो रही है । जिससे गर्मी के मौसम में ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है । कई गांवों में रात्रि के समय में भी अघोषित कटौती हो रही है। डिस्कॉम अधिकारियों से जानकारी लेने एवं पूछताछ पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है। उनके अनुसार 33 केवी लाइन में बिजली कटौती हो रही है। इस वजह से यहां के गांव में भी बिजली नहीं मिल रही है।
धोरीमन्ना : पानी खरीदना मजबूरी
धोरीमन्ना में 3 घंटे विद्युत कटौती की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे में करीब 5 से 7 घंटे तक रोज बिजल गुल का सिलसिला चल रहा है। उपखंड के ग्रामीण क्षेत्र में पानी की पुरानी जल योजना सुचारू रूप से संचालित नहीं होने के कारण जीएलआर जर्जर हो गए है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में ट्यूबवेल व ऑपनवेल से जलापूर्ति हो रही है। कस्बे में किसी कारणवश जिन घरों में पाइपलाइन के जरिए जलापूर्ति नहीं हो रही है, वहां पर लोगों को टैंकर मंगवाने पड़ते है। पानी के प्रति टैंकर के न्यूनतम 250 रुपए देने पड़ते है। पानी का मोल ग्रामीणों के लिए महंगा पड़ रहा है। डिस्कॉम व जलदाय विभाग के अधिकारी एक ही जवाब देते है जल्द ही विद्युत व पेयजल की आपूर्ति सुचारू रूप से की जाएगी।

Source: Barmer News

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