पाकिस्तान से भारत वीजा पर आए और यहां पर 45 दिन की बजाय कोई तीन महीने रुक गया तो कोई छह महीने। भारत सरकार ने ऐसे 900 से अधिक पाकिस्तान के नागरिकों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। अधिकांश सोढ़ा राजपूत परिवारों के लोग है, अब ये लोग परेशान है कि उनका आधा परिवार भारत में है और आने नहीं दिया जा रहा है। दिक्कत यह भी है कि सोढ़ा राजपूतों को बेटे-बेटियों की शादी के लिए भारत आना ही होता है, क्योंकि जिन गौत्र में इनकी रिश्तेदारियां होनी है, वे भारत में रहते है।
थार एक्सप्रेस का संचालन 2006 से 2018 तक रहा तब तक करीब 4 लाख लोगों ने भारत की यात्रा की और इस यात्रा में आए कई लोगों ने यहां वीजा से अधिक अवधि तक ठहराव किया और इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर अनुमति भी ले ली लेकिन यह जानकारी केन्द्र तक पहुंची तो केन्द्र सरकार ने ऐसे 900 से अधिक लोगों को अधिक ठहराव की वजह से ब्लैक लिस्टेड कर दिया। भारत पाक के बीच चले तनाव के दौरान तो इन लोगों को अहसास नहीं हुआ लेकिन बाघा बॉर्डर खुलने के बाद इन्होंने अपना वीजा लगाया तो निरस्त कर दिया गया और इनको इत्तिला दी गई कि ज्यादा ठहराव की वजह से भारत सरकार ने ब्लैक लिस्ट किया है। अब ये लोग भारत आने को छटपटा रहे है, लेकिन वीजा नहीं मिल रहा।
क्यों किया ज्यादा ठहराव
इनमें से अधिकांश सोढ़ा राजपूत परिवार के सदस्य है, जिनकी रिश्तेदारी भारत में है। ये लोग यहां बहिन-बेटियों की शादी के लिए आए। रिश्ता तलाश करने और शादी रचाने तक में इनको ज्यादा समय लग गया।
राज्य स्तर पर मिली इजाजत
ज्यादा ठहराव होने पर इन्होंने तात्कालीन समय में राज्य सरकार के गृह मंत्रालय से इजाजत ले ली और यहां पर उनको परेशान नहीं किया गया और तीन से छह महीने की अवधि मिल जाने पर ये यहां तसल्ली से रहे कि अब उनको दिक्कत नहीं है ।
अब मुश्किलें बढ़ गई
2018 में पुलवामा और 2019 से 2021 के बीच कोरोनाकाल चला तब तक तो वीजा को लेकर कोई चर्चा नहीं थी लेकिन अब ये लोग भारत आने के लिए वीजा लगा रहे है और उनकी वीजा स्वीकृत नहीं हो रही है।
यह है उदाहरण
पाकिस्तान के अमरकोट में रहने वाले गणपतसिंह 2015 में भारत आए थे और यहां उनके भाई के यहां शादी थी। यहां 45 दिन का वीजा था और साढ़े तीन माह रुक गए। गणपतङ्क्षसह की मां दरियाकंवर, पत्नी, बच्चे और भाई का परिवार यहां है,वे अकेले जमीन-जायदाद और काम संभालने पाकिस्तान लौटे। मई 2021 में उनकी मां कैंसर से बीमार हुई और वीजा लगाया तो निरस्त कर दिया गया।
मां की अपील भी नहीं सुनी
गणपतङ्क्षसह की मां ने एक मार्मिक अपील प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से विडियो वायरल कर की कि हूं बीमार हां, मुंझे गुणपत ना बीजा ड्यो…मांझो डीकरो मुंझो मुंह देख सकै..हमै हूं जीवां कोनी…(मैं बीमार हूं, मेरे गणपत को वीजा दे दो..मेरा बेटा मेरा मुंह देख सके, मैं अब ङ्क्षजदा नहीं रहूंगी )। पाक विस्थापित दरियाकंवर यह कहते-कहते ही चल बसी। मां को गुजरे हुए एक साल हो गया है लेकिन गणपतङ्क्षसह अभी तक भारत नहीं आ पाया है।
सरकार वीजा दें
पाकिस्तान के सोढ़ा परिवारों ही नहीं सभी पाक विस्थापितों की यह अपील लाजमी है। उनको भारत सरकार वीजा दे, वे हिन्दू है। यहां आकर अपने परिवारों की रिश्तेदारी करना चाहते है और जो यहां रह रहे है, उन परिवारों से मिलना चाहते है। भारत दिल बड़ा करे तो यह समस्या तुरंत हल हो जाए।- हिन्दूङ्क्षसह सोढ़ा, अध्यक्ष सीमांत लोक संगठन
Source: Barmer News