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जोधपुर।
सरकारी भर्ती का आलम.. मुख्यमंत्री के निर्देश व न्यायालय के दखल के बाद भी शेष संविदाकर्मियों को राहत नहीं मिली। इधर नियमित लिपिकों को दो माह से वेतन भी नहीं मिल रहा। पंचायतीराज विभाग की बजट घोषणा व मुख्यमंत्री के निर्देश के एक साल बाद भी कनिष्ठ लिपिकों की अधूरी भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। इसमें भी खास बात यह है कि 2013 की पंचायतीराज लिपिक भर्ती में 20 हजार पदों में से आधे नरेगा संविदाकार्मिक ही नियमित हो पाए थे। शेष संविदाकर्मी 8 साल से नियमित होने की बाट जो रहे हैं और तब से अल्प वेतन में काम करने को मजबूर हैं। जो कार्मिक नियमित हुए हैं, उन्हें भी समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और ना ही लंबे समय बाद पदोन्नति हो पाई है।

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ऐसे समझे पूरा मामला
गौरतलब है कि 24 जून को पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में पंचायतीराज कनिष्ठ लिपिक भर्ती 2013 को पूरा करने के लिए प्रथम चरण में 4 हजार पद भरने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे,लेकिन विभाग के आला अधिकारियों ने जिला परिषद से भर्ती संबंधी सूचना मांग कर इतिश्री कर ली। लंबे समय बाद भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ने से हजारों मनरेगा संविदा कार्मिक आज भी स्थाई होने की आस में 12 वर्षों से अल्प मानदेय में संविदा पर कार्य कर रहे हैं।
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ऐसे फुटबॉल बनी भर्ती प्रक्रिया

पंचायतीराज विभाग ने वर्ष 2013 में सभी जिला परिषदों की ओर से कनिष्ठ लिपिक के 19625 पदों पर सीधी भर्ती विज्ञप्ति जारी की थी। इसमें से 10 हजार पदों पर भर्ती हो पाई थी,ज्यादातर मनरेगा संविदा कार्मिक भर्ती प्रक्रिया में पीछे रह गए, इसके बाद भर्ती प्रक्रिया न्यायालय में अटक गई । न्यायालय निर्णय के बाद भर्ती प्रक्रिया 2015 में पुनः शुरू की गई। पिछले कई सालों में कई बार भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कैलेंडर जारी हुए लेकिन विभाग कोई ना कोई बहाना बनाकर भर्ती प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा रहा है।

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एलडीसी भर्ती कैलेंडर जारी करने के लिए निर्देश

राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर खंडपीठ ने कनिष्ठ लिपिक भर्ती 2013 में अर्जुनराम नैन प्रकरण में जारी निर्देशों का हवाला देते हुए अप्रार्थीगण को सोमवार को होने वाली आगामी पेशी पर भर्ती में कार्यग्रहण से शेष रहे अभ्यर्थियों के संबंध में नियुक्ति संबंधी कार्यवाही पूर्ण करने के लिए कैलेंडर तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।
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भर्ती पूर्ण करने, समय पर वेतन व पदोन्नति के मामलों पर मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं। समय रहते इन मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा।

नेमाराम चौधरी, प्रदेश महामंत्री

पंचायतीराज मंत्रालय कर्मचारी संघ

जयपुर

Source: Jodhpur

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