– मतोड़ा थानेदार इमरान खान प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए युवाओं को करते हैं प्रोत्साहित
– अब लक्ष्य प्रशासनिक सेवाएं
सीएल शर्मा
लोहावट (जोधपुर). जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए जज्बा और जुनून चाहिए। इस ध्येय वाक्य को साक्षात कर दिखाया है इमरान खान ने। सरकारी नौकरी का ऐसा जुनून चढ़ा कि 7 साल में 10 बार सरकारी सेवा के लिए चयनित हुए। बिना किसी कोचिंग इमरान खान ने व्याख्याता, तृतीय व द्वितीय श्रेणी शिक्षक, पटवारी भर्ती परीक्षा, बैंक व डिस्कॉम की परीक्षाएं उत्तीर्ण की।
अधिकांश में राज्य व जिले के टॉपर रहे। आखिरकर 11वीं बार पुलिस सेवा रास आई। वर्तमान में लोहावट उपखंड के मतोड़ा थाने के थानाधिकारी हैं। अब प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षाओं में जुटे हुए हैं। साथ ही स्वयं के गांव व कार्यस्थल के आसपास के युवाओं को भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ऐसे करीब 25 युवाओं की सरकारी नौकरी लग चुकी है।
पहली विफलता से सफलता का जुनून
इमरान खान ने सबसे पहले 2008 में पटवारी की परीक्षा दी,जिसमें विफल रहे। इससे पहले 2006 में एसटीसी की। इसके बाद तो हर परीक्षा में सफल होने का लक्ष्य ही बना लिया। वर्ष 2008 में ही तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा, वर्ष 2011 में पटवारी और तृतीय श्रेणी शिक्षक, आइबीपीएस के माध्यम से बैंक में चयन, एफसीआई, छठीं रैंक के साथ कॉमर्शियल असिस्टेंट जोधपुर डिस्कॉम में चयन हुआ।
वर्ष 2012 में संस्कृत विभाग शिक्षक, 2014 में द्वितीय श्रेणी शिक्षक और इसी वर्ष दी परीक्षा में स्कूल व्याख्याता के लिए चयनित हुए। वर्ष 2013 में एसआई की परीक्षा दी तथा उत्तीर्ण की। उसके बाद 2014 में एसआई के पद पर ज्वाइनिंग करने के साथ कार्यरत है।
राज्य व जिला स्तर पर टॉपर
नागौर जिले के मूंडवा तहसील के झुझण्डा निवासी इमरान खान ने विद्यार्थी जीवन से ही सरकारी नौकरी का लक्ष्य रखा। इमरान खान पीटीइटी 2011 में ऑल राजस्थान में प्रथम रैंक एवं आरटेट में भी 90 प्रतिशत अंक के साथ राजस्थान में प्रथम स्थान पर रहे। 2011 में पटवारी परीक्षा में नागौर जिले में प्रथम रैंक प्राप्त की। तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती लेवल प्रथम परीक्षा 2012 में नागौर जिले में प्रथम रैंक पर रहे।
परीक्षार्थियों के लिए इमरान के टिप्स
– जब पढ़ाई करें तो उसके अलावा कुछ नहीं सोचें- पढ़ाई नियमित करें।
– इसमें समर्पण भाव चाहिए, न कि इतने घंटे पढ़ा।
– सोशल मीडिया का उपयोग मात्र पढ़ाई की जानकारी के लिए ही करें।
– संबंधित विषय की अधिकाधिक पुस्तकें पढ़ें।
– जहां से भी अतिरिक्त सामग्री मिले, उसे पढ़ें।
Source: Jodhpur