बाड़मेर. कोविड के चलते पिछले दो साल बाद इस बार घूमने का प्लान बनाया तो अब रेल में बर्थ कन्फर्म नहीं हो रही है। लम्बी दूरी की ट्रेनों में वेंटिंग 15-20 दिन और इससे भी ज्यादा की चलने से प्लान पर पानी फिरता दिख रहा है। ट्रेनों में कोच भी मई महीने में नहीं बढ़ाने से वेटिंग बढी हुई है।
गर्मी की छुट्टियां होते ही ट्रेनों में अचानक भीड़ बढ़ गई। लोगों ने घूमने जाने के लिए प्लान बनाए और ट्रेन में सीट रिजर्व करवाना शुरू कर दिया। इसके चलते मई महीने में यह स्थिति हो गई कि ट्रेनों में नो-रूम की स्थिति हो गई। मई में सीट कन्फर्म होना मुश्किल हो गई। वेंटिंग भी इतनी लम्बी की कन्फर्म के कोई चांस भी नहीं दिखते। आरएसी हो तो फिर भी कन्फर्म की उम्मीद रहे, लेकिन यहां तो वेटिंग ही दिख रही है।
तत्काल ओपन, सीट नहीं
ट्रेन की रवानगी के कुछ समय पूर्व करंट अवेलबेल (तत्काल) में भी वेटिंग ही दिखाई दे रहा है। जबकि कई यात्री इस उम्मीद में रहते है कि तत्काल में टिकट मिल जाएगा तो उनकी यात्रा सुगम हो जाएगी। लेकिन इसमें भी इन दिनों टिकट नहीं है। यात्रा निरस्त कराने वालों की संख्या काफी कम है। इसके कारण वेटिंग ही चल रही है।
कहीं नहीं सीट, फिर भी उम्मीद
बाड़मेर से चलने वाली लम्बी दूरी की ट्रेनों बाड़मेर-ऋषिकेश, बाड़मेर-यशवंतपुर, बाड़मेर-हावड़ा, बाड़मेर-जम्मू, बाड़मेर-गुवाहाटी, बाड़मेर-बांद्रा में कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल हो गया है। बाड़मेर-यशवंतपुर एसी एक्सप्रेस में 2 जून को 97 (29 मई शाम 6.15 बजे तक अपडेट)की वेटिंग चल रही है। लम्बी दूरी की ट्रेनों से इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यात्रियों की कितनी भीड़ उमड़ रही है। बाड़मेर-ऋषिकेश के अलावा अन्य ट्रेनें द्वि-साप्ताहिक व साप्ताहिक संचालित होती है। लेकिन बढ़ती भीड़ के चलते यात्रा करने वालों की परेशानी बढ़ी है।
राहत की बात, कितनी होगी कारगर
रेलवे ने जून के पहले सप्ताह से लम्बी दूरी की 21 ट्रेनों में स्थायी रूप से कोच बढ़ाने की बात कही है। अब ये कोच कितने और किस श्रेणी में बढ़ेगे, कितने यात्रियों की राहत मिल पाएगी यह जो बाद में पता चल पाएगा। हालांकि अभी तो सीट के लिए ट्रेनों में मारामारी के हालात दिख रहे हैं।
रेलवे बढ़ाए ट्रेनों में कोच
परिवार का प्लान था कि मई में अवकाश होते ही घूमने के लिए चलेंगे। लेकिन अब लम्बी दूरी की ट्रेनों में बर्थ कन्फर्म नहीं हो रही है। लम्बी वेटिंग है, इसलिए यह भी संभव नहीं लग रहा है कि सीट कन्फर्म हो जाए। जाने का प्लान मई में था, अब जून में कुछ दिन कहीं घूम आए, इसी उम्मीद में है कि शायद रेलवे कोच बढ़ाए तो यात्रियों को राहत मिल सकती है।
आरएन शर्मा, बाड़मेर
Source: Barmer News