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दसवीं बोर्ड में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सोनड़ी की छात्रा प्रतिभाराज ने 98.33 प्रतिशत अंक हासिल कर अपने नाम के अनुरूप गुण को गौरवान्वित किया। परिणाम आया तो कोटा में नीट की तैयारी कर रही प्रतिभा ने कहा कि सफलता का मूलमंत्र पढ़ाई है ।

बाड़मेर
पढ़ाई कितनी करनी है यह सवाल ही नहीं है। पढाई ही करनी है। लगातार और नियमित। चिकित्सक बनने का सपना देखने वाली प्रतिभा अपनी प्रेरणा पिता मंगलाराम को मानती है । व्याख्याता पिता को अपनी बेटी की उपलब्धि पर नाज है। वे कहते है कि बेटियों का आज है, यह प्रतिभा ने साबित किया। साधारण परिवार की प्रतिभा की असाधारण प्रतिभा को पहचानकर ही परिजनों ने उसकी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया।

सफलता का राज
– नियमित और कड़ी मेहनत से पढ़ाई
– प्रोत्साहन और मार्गदर्शन पिता ने दिया

चाहत
नीट की तैयारी के लिए कोटा में है, वह डॉक्टर बनना चाहती है। कहती है कि पूरा परिवार ही यह सपना देखता है कि कामयाब होना है।
विद्यार्थियों के लिए
पढऩे की उम्र में पढ़ाई पर ध्यान दें। जितना हो सके सवाल करें और उनके जवाब लें। खुद पर यकीन करने के साथ मार्गदर्शन के लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ बैठे।

पिता होमगार्ड में आरक्षक, बेटे के 97.67 प्रतिशत

दसवीं बोर्ड में 97.67 अंक हासिल करने वाले रोहित चौधरी का लक्ष्य अब चिकित्सक बनने का है। रोहित के पिता तेजाराम चौधरी होमगार्ड में आरक्षक है। माता जेठी देवी एक गृहणी है। ईशरोल गांव का रोहित सामाजिक विज्ञान में 100 मे से 100 अंक लाया है। उसकी प्रेरणा बड़ा भाई नरेश चौधरी है जो अभी दिल्ली के हिन्दू कॉलेज में पढ़ रहा है। मयूर नोबल्स एकेडमी के शिक्षकों को अपनी सफलता का श्रेय देता है।

Source: Barmer News

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