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भवानीसिंह राठौड़

बाड़मेर. पुलिस में अब कोई भी कार्मिक हथियार चलाने के प्रशिक्षण से अछूता नहीं रहेगा। चाहे कार्यालय में काम करने वाला लिपिक हो या फिर थाने में तैनात सिपाही। सभी को हथिया चलाने का प्रशिक्षण लेना होगा। अलवर जिले के बहरोड़ थाने में हुई घटना के बाद बाड़मेर जिला पुलिस को अत्याधुनिक हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण को लेकर पुलिस मुख्यालय ने निर्देश जारी किए थे।

बाड़मेर पुलिस लाइन में जिले के सभी थानों में कार्यरत जवानों व अधिकारियों को आधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल, उप निरीक्षक, निरीक्षक, आरपीएस व आइपीएस अधिकारी सहित जिले की पूरी नफरी के कार्मिक शामिल है।

प्रशिक्षण दो माह तक चलेगा। इसमें कई पुलिसकर्मी पहली बार आधुनिक हथियार चलाना सीख रहे हंै। प्रशिक्षण में जवानों को हथियार के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जा रही है।

प्रशिक्षण की जरूरत इसलिए

अधिकांश पुलिस जवान जरूरत के वक्त हथियार नहीं चला पाते हैं। जबकि उनके पास हथियार होते हैं। इस तरह की परिस्थितियों के लिए पुलिस जवानों को तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे विपरीत स्थिति में जवान अपराधियों से आसानी से निपट सकेंगे।

बहरोड़ में संतरी नहीं चला सका हथियार

बहरोड़ में पपला गुर्जर को बैरक से भगाने के लिए उसकी गैंग के सदस्यों ने एके-47 से थाने पर हमला किया था। उस दौरान संतरी और एक अन्य पुलिसकर्मी के पास एसएलआर थी। उस वक्त दोनों ने थाने की छत पर दीवार की ओट में पॉजीशन भी ली थी, लेकिन हथियार चला नहीं पाए थे।

पुलिस के हथियार

– एलएमजी
– एसएलआर

– एके-47
– पिस्टल

– कार्बाइन मशीनगन
– पंप एक्शन गन

– गैस गन

– दे रहे हैं प्रशिक्षण

पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर जिला पुलिस के सभी जवानों व पुलिस अधिकारियों को हथियारों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी थाना स्तर के जवान प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। हमारे पास 5 तरह के हथियार है।

– देरावरसिंह भाटी, पुलिस निरीक्षक, पुलिस लाइन

बाड़मेर पुलिस: फैक्ट फाइल

नफरी -1800

थाने – 25
चौकी – 29

सर्कल – 05

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Source: Barmer News

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