दिनचर्या में सकारात्मक सोच को प्राथमिकता देने की जरूरत है। इससे प्रशासनिक अधिकारियों की कार्य क्षमता में इजाफा होने के साथ बेहतर परिणाम मिलेंगे। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शुक्रवार को जिला प्रशासन एवं प्रशासक सेवा प्रभाग तथा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीयविश्व विद्यालय महावीर नगर बाड़मेर की ओर से जिला परिषद सभागार में आयोजित कार्यशाला में सेवानिवृत आईएएस सीताराम मीणा ने कहा कि प्रशासनिक सेवा में दबाव महसूस होता है। वहीं कई बार निर्णय को लेकर असमजंस की स्थिति होती है। सकारात्मक सोच के माध्यम से स्वयं निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। उन्होंने अपने सेवाकाल के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि आतंरिक कमजोरियों के कारण कार्य एवं निर्णय प्रभावित होते हैं। सकारात्मक सोच तन और मन दोनों को स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह सोच न केवल जीवन को संतुलित रखने में मदद करती है, बल्कि रोजमर्रा के अनुभव को सुखद बना देती है। उन्होंने उपस्थित संभागियों से जीवन में आध्यात्म से जुडऩे की जरूरत जताई।
संतोषजनक जवाब दें
जिला कलक्टर लोक बंधु ने कहा कि बेहतरीन परिणाम के लिए जीवन में सकारात्मक सोच जरूरी है। प्रशासनिक सेवा के दौरान अधिकारियों का आमजन से सीधा संपर्क रहता है। सकारात्मक सोच रखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को संतोषजनक जबाव देने का प्रयास करें। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने कहा कि हम अपने जीवन में सकारात्मक सोच रखेंगे तो उसके बेहतर परिणाम मिलेंगे। जो लोग खुश रहते है, जीवन में सकारात्मक सोच रखते है।
राजयोग से मन को मिलती है शक्ति
इससे पहले आध्यात्मिक लीडर एवं मोटिवेशन स्पीकर डॉ.रीना ने कहा कि राजयोग को अपनाने से मन को शक्ति मिलती है। उन्होंने राजयोग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोई भी कार्य हो उसको मुस्कराते हुए संपादित करें। माउंट आबू प्रशासनिक विभाग के हरीश भाई ने कहा कि सकारात्मक सोच के जरिए मनुष्य के जीवन में आने वाली हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। कार्यशाला में अतिरिक्त जिला कलक्टर उम्मेद सिंह रतनू, डिस्काम के अधीक्षण अभियंता अजय माथुर, नगर परिषद आयुक्त योगेश आचार्य, बबिता बहन, सुरेश जाटव समेत प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। संचालन हरीश जांगिड़ ने किया।
Source: Barmer News