जोधपुर।
जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय कृषि शोधों, नवाचारों, अनुसंधानों में देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में अपनी पहचान बना चुका है। शैक्षणिक कार्यो के साथ ही विश्वविद्यालय ढांचागत रूप से मजबूत होने जा रहा है। कृषि अनुसंधान व शिक्षा के उन्नयन व विकास के लिए स्वयं की भूमि होना महत्वपूर्ण जरूरी है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने कृषि विश्वविद्यालय को 108 हेक्टेयर भूमि निशुल्क आवंटित की है। सरकार की अनुशंसा के बाद जोधपुर विकास प्राधिकरण ने जोधपुर-नागौर राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 62 पर भूमि आंवटित की । उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना होने के बाद भूमि आवंटन न हो पाने के कारण कई संस्थागत व ढांचागत विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहे थे। विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय के अंतर्गत नवस्थापित विभिन्न संस्थानों की स्थापना के लिए भी भूमि आवंटन की समस्या से सामना करना पड़ रहा
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विद्यार्थियों के शोध व अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा मिलेगा
भूमि आवंटन के बाद विश्वविद्यालय के चहुमुंखी विकास को गति मिलेगी। जिनमें नवस्थापित संस्थानों जैसे कृषि महाविद्यालय, डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, किसान कौशल विकास केन्द्र, बीज उत्पादन केन्द्र आदि की आगामी कार्य योजनाओं को भलीभांति मूर्त रूप दिया जा सकेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली से विकास कार्यो के लिए और अधिक धनराशि मिलेगी। इससे विद्यार्थियों के शोध व अनुसंधान कार्यो को बढ़ावा मिलेगा तथा उन्नत बीज उत्पादन कर किसानों को वितरित किया जा सकेगा और भविष्य में स्थापित होने वाले संस्थानों के लिए भी भूमि की उपलब्धता रहेगी।
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सरकार के इस कदम से विवि का संस्थागत ढांचा मजबूत होगा। विवि में नए बनने वाले संस्थानों के प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी।
प्रो बीआर चौधरी, कुलपति
कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर
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Source: Jodhpur