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जोधपुर।

पूरे देश में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद हो गया है। अब कई जगह जुर्माने का प्रावधान भी है। लेकिन इस मुहिम में शिक्षकों का एक समूह पिछले डेढ़ दशक से जुटा है। पूरे जिले में बड़े मांगलिक आयोजन व सामाजिक कार्यक्रम में जाकर सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का संदेश दते हैं। साथ ही खुद ही प्लास्टिक की गिलासाें की बजाय तांबे के लौटे में पानी पिलाते है। साथ ही कपड़े की थैलियां भी बांटते हैं।

पर्यावरण सेवक व वरिष्ठ शिक्षक ओम प्रकाश विश्नोई के नेतृत्व में शिक्षकों की पर्यावरण टीम फलोदी व आस-पास के क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण व समाज सुधार की निःशुल्क सेवा कर रही है। जब भी सरकारी ड्यूटी से ऑफ होते हैं ऐसे कार्यक्रमों में पहुंच कर लोगों को जागरूक करते हैं। साथ ही नशा मुक्ति व झूठन नहीं छोड़ने का संदेश भी देते हैं। जोधपुर जिले में कई गांवों-कस्बों के साथ पोकरण, बज्जू, बीकानेर, लोहावट, ओसियां, आऊ, बाप, नोखा, मुकाम मेलों, मरु मेला, पुष्कर अजमेर कई शहरों में ये संदेश दे चुकी है।अब लोग खुद बुलाते हैं

बिश्नोई बताते हैं कि शुरुआत में काफी दिक्कत होती थी। लोग हमें समझ नहीं पाते थे। लेकिन अब तो अपने कार्यक्रमों में खुद बुलाते हैं। पूरी शादी या सामाजिक कार्यक्रम में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करते, झूठन नहीं छोड़े और पेड़ लगाने के स्लोगन भी शामियाने में लगाए जाते हैं।

एक नजर में पर्यावरण शिक्षकों का कार्य- 15 साल से कर रहे कार्य।

– 1 हजार से ज्यादा कार्यक्रमों में हो चुके शामिल।- कपड़े की थैलियां बांटनी, नशा मुक्ति पर शपथ और तांबे से लौटों से पानी पिलाना।

– सरकारी ड्यूटी खत्म कर प्रतिदिन 2-3 कार्यक्रम में होते हैं शामिल।- तालाब की सफाई हो रही है में भी लाखों रुपए एकत्रित करवाए।

Source: Jodhpur

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