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नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है और छात्र छात्राओं का स्कूल जाना भी शुरू हो गया है। जबकि शिक्षा विभाग ने अब तक स्कूल यूनिफॉर्म कलर नहीं बताया है। सरकारी स्कूल में मिलने वाली निशुल्क यूनिफार्म के कलर के कारण लोगों में संशय है। इस कारण बच्चों की डे्रस नहीं सिल रही है।

अभिभावकों का कहना है कि सबको पता है कि स्कूल यूनिफॉर्म का रंग बदल गया है, लेकिन छात्र छात्राओं और स्कूल को यह पता नहीं है कि इस बार यूनिफार्म का कलर कौन सा है, क्योंकि यूनिफॉर्म का रंग दो बार बदला गया है। ऐसे में विद्यार्थी व अभिभावक परेशान हो रहे हैं। ध्यान रहे कि राज्य सरकार ने आठवीं तक विद्यार्थियों को निशुल्क यूनिफॉर्म उपलब्ध करवाने की घोषणा की है।
जबकि 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म बाजार से खरीदना है, लेकिन बाजार में कपड़ा व्यापारियों के पास अभी तक स्कूल यूनिफॉर्म का कलर उपलब्ध नहीं है। कपड़ा व्यापारी भैराराम राइक ने बताया कि कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि सरकार की ओर से स्कूल यूनिफॉर्म कलर कटिंग उपलब्ध नहीं करवाने की वजह से पता नहीं चल पा रहा है कि कौन सा कलर फाइनल हुआ है। व्यापारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी के पास कटिंग उपलब्ध करवाने की मांग की।
बच्चों की यूनिफॉर्म के लिए कपड़ों की दुकान पर अभिभावक
सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावक स्कूल यूनिफॉर्म में बदलाव के चलते बाजार में कपड़ों की दुकानों पर भटक रहे हैं। कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि उन्हें भी पता नहीं है कि यूनिफॉर्म कौनसे कलर की है। इसके चलते अभिभावकों की परेशान बढ़ रही है। इस बीच 1 जुलाई से स्कूल भी नियमित शुरू हो चुके है। निशक्त अभिभावक देवीलाल गर्ग सोमवार को बाजार पहुंचे और कपड़ों की दुकानों पर ड्रेस के लिए पूछा तो जवाब सुनकर मायूस हो गए। क्योंकि व्यापारियों को भी यूनिफॉर्म के रंग को लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं है। विभाग ने इसका खुलासा भी नहीं किया। अभिभावकों की मांग है कि सरकार को जल्द ही निर्णय लेना चाहिए कि सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की यूनिफार्म का कलर क्या होगा। जिससे व्यापारी कपड़ा मंगवा सके और अभिभावक बच्चों की यूनिफॉर्म की सिलाई करवा पाएं।

Source: Barmer News

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