जोधपुर. ईस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट यानी ईआरसीपी पर रार चल रही है। इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी भी जारी है। किस हद तक और कितनी पूरी होगी इस पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं, लेकिन दूसरी ओर वेस्टर्न राजस्थान के लिए वरदान केनाल को धरातल पर लाने की कवायद शुरू हो गई है।
क्या है वेस्टर्न राजस्थान के लिए जीवनदायनी
राजीव गांधी लिफ्ट नहर परियोजना तृतीय चरण योजना को वेस्टर्न राजस्थान के लिए जीवनदायिनी माना जा रहा है। करीब 15 सौ करोड़ के इस प्रोजेक्ट को अब धरातल पर लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पिछले करीब डेढ़ माह पहले इसके लिए कार्यादेश जारी हो चुके थे और विभाग सबसे पहले रिजर वायर जो मूर्त रूप देने में जुट गया है।
ईस्टर्न की तरह वेस्टर्न में भी आया मोड़
जिस प्रकार से ईस्टर्न केनाल में कई रोड़े और मोड़ आए हैं, वैसे ही वेस्टर्न राजस्थान के इस प्रोजेक्ट को भी पिछले एक दशक में कई रोड़़ों ने रोका। इस प्रोजेक्ट की प्रशासनिक स्वीकृति वर्ष 2017 में 1454 करोड़ की जारी की गई। जिसे पहले एशियन डवलपमेंट बैंक और फिर जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी से अनुमति के चलते यह अटका रहा। अब राज्य सरकार ने इसे जेजेएम शहरी के तहत वित्त पोषण का निर्णय लिया है।
तीन जिलों फायदा और 18 सौ करोड़ का प्रोजेक्ट
डीपीआर बनने के पांच साल बाद भी इसे धरातल पर लागू नहीं किया जा सका है। साथ ही इसमें पाली जिले के 34 अतिरिक्त गांव शामिल किए गए। इसी कारण संशोधित डीपीआर 1799 करोड़ की बनाई गई।
शुरू हुआ फील्ड सर्वे
सिविल कार्यों के लिए 1355 करोड़ रुपए के कार्यादेश मैसर्स एलएंडटी कंपनी को जारी कर दिए गए हैं। पीएचईडी प्रोजेक्ट विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता नक्षत्र सिंह चारण के अनुसार फर्म ने फील्ड सर्वे व अध्ययन का कार्य शुरू किया है। इस योजना को तीन साल यानि अप्रेल 2025 तक पूरा करना है।
कुछ ऐसे होना है परियोजना में काम
परियोजना में 213 किलोमीटर लंबाई की स्टील की 2 मीटर व 1.8 मीटर व्यास की बड़ी साइज की पाइप लाइन मदासर गांव के पास प्रस्तावित एस्केप रिजर्वायर से जोधपुर तक वर्तमान राजीव गांधी नहर के साथ साथ लगाई जाएगी। इसमें कुल चार उच्च क्षमता के पंप हाउस भी बनाए जाएंगे।
Source: Jodhpur