जोधपुर।
सृष्टि के कण-कण में व्याप्त भगवान शिव को जोधपुर के भक्तों ने कई अनूठे नाम दिए हैं । जैसे भोलेनाथ की महिमा, वैसे भोले के नाम । कोई आशुतोष चंद्रमौली तो कोई शंकर पिनाकपानी या महादेव कहता है। हर नाम का आधार बना है भगवान शिव का गुण या विराजित स्थल । ऐसे ही कुछ अनूठे नाम वाले शंकर सूर्यनगरी में विराजित है । करीब पांच दशक पूर्व बसी प्रताप नगर कॉलोनी के प्रथम शिवालय का नाम भी क्षेत्र के आधार पर ही प्रतापेश्वर महादेव रखा गया है। इसी प्रकार, तार घर के पास भारतीय संचार निगम लिमिटेड के मुख्यालय प्रवेश द्वार के बाहर बने शिवालय को दूरसंचारकर्मियों ने दूरसंचारेश्वर नाम दिया है । प्रताप नगर स्थित बिजलीघर कार्यालय परिसर के अहाते में बने शिवालय को बिजलीघर कर्मचारियों ने विद्युतेश्वर नाम दिया है । रेलवे लोको कॉलोनी में भगवान महादेव को लोकेश्वर तो रेलवे वर्कशॉप के बाहर श्रमिकों की ओर से निर्मित श्रमिकेश्वर रखा है। प्रताप नगर क्षेत्र में ही पेयजल आपूर्ति करने वाले फिल्टर हाउस के बाहर बने शिवालय की पहचान जलेश्वर महादेव के नाम से है । वहीं, जालोरी बारी स्थित बड़ के पेड़ के नीचे विराजित महादेव बडलेश्वर और खांडा फलसा दूध के चोहटे पास विराजित शिव को दूधेश्वर, कटला बाजार स्थित कुंज बिहारी मंदिर मंदिर में जमीन लेवल से 25 फुट नीचे गहराई में पातालेश्वर नाम दिया गया है।
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संकट मोचनेश्वर महादेव का श्रृंगार
जालोरियो का बास हनुमान चौक संकट मोचनेश्वर महादेव मंदिर में शुक्रवार को रुद्राभिषेक के बाद बिल्व पत्रों व रुपयों का विशेष श्रंगार कर आरती की गई।
Source: Jodhpur