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बाड़मेर. शिव उपखंड क्षेत्र के बाबा श्री रामदेव अवतार धाम रामदेरिया काश्मीर में मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आस्था का ज्वार उमड़ा हुआ है। बाबा की जन्मस्थली पर भक्ति के कार्यक्रमों के साथ ही कृपाराम महाराज एवं युवाचार्य अभयदास की कथा श्रवण को बड़ी संख्या मंे लोग पहुंच रहे हैं।

आयोजकों की ओर से कार्यक्रमों को सुव्यवस्थित किया गया है तो आसपास के गांवों से पहुंचने वाले भक्त जयकारों के साथ माहौल को गुंजायमान कर रहे हैं।

जैसा होगा संग,वैसा होगा रंग- कृपाराम महाराज

शिव महापुराण कथा में शुक्रवार को कृपाराम महाराज ने बताया कि जैसा आपका संग होगा वैसा आपका रंग होगा। अच्छे रंग से जीवन अच्छा बनता ह । कुसंग से जीवन बिगड़ता है। हो सके तो सत्संग सुनो नहीं सत्संग मिलती हो तो सो जाओ , शरीर को आराम मिलेगा। कुसंग से एक जन्म नहीं कई जन्म बिगड़ जाएंगे।

किसी की निंदा करना तो पाप है, निंदा सुनना तो दूसरों के घर का कचरा अपने घर मे डालना ही तो होता है। कोई किसी की निंदा करता हो तो कह दो कि भाई मुझे उससे क्या मतलब मुझे तो मेरा जीवन सुधारना है। महाराज ने बिन्दूकं-चंचला का वृतांत सुनाया। कल नारद मोह प्रसंग सुनाया जाएगा।

रात्रि में लीलामृत कथा कर रहे अभयदास महाराज

रात्रि में बाबा रामदेव लीलामृत कथा में युवाचार्य अभयदास महाराज ने बताया कि बाबा ने एकेश्वरवाद को बढ़ावा दिया। यही कारण है कि बाबा को निकलण नेजाधारी कहा जाता है।

अजमलजी ने द्वारिका में द्वारिकाधीश भगवान के समक्ष हठ भक्ति दिखाई जिसमें भगवान को प्रसाद रूपी लड्डू की मार दी। भगवान आखिर धोरा धरती पर आने को राजी हो गए। भादवासुदी बीज को बाबा छोटे बालक के रूप में अवतरित हुए ।

जल यात्रा में उत्साह

प्रतिष्ठा के दूसरे दिन जल यात्रा निकाली गई। भोजन के लाभार्थी परिवार बालाराम पुत्र टीकूराम सऊ का बहुमान किया गया।

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रूपादे मंदिर में पाटोत्सव, होगी जागरण

-श्री राणी रूपादे मंदिर पालिया तिलवाड़ा का द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

जसोल. श्री राणी रूपादे मन्दिर ( पालिया ) मालाजाल तिलवाड़ा के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दो वर्ष पूर्ण होने पर श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रूपादे संस्थान, मालाजाल-तिलवाड़ा की ओर से द्वितीय वार्षिक समारोह आयोजित किया जा रहा है। शनिवार को पालिया मन्दिर परिसर में रात्रि जागरण होगी।

इसमें भजन गायक सिमरथाराम भील, भंवरनाथ केसुम्बला, हेमाराम मेघवाल व पार्टी जिसमें रावल मल्लीनाथ एवं राणी रूपादे के भक्ति से ओत-प्रोत भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्य कार्यक्रम 1 दिसम्बर को प्रात: 10:15 पर मन्दिर के ध्वजारोहण के साथ आरंभ होगा।

14 वीं शताब्दी में रावल श्री मल्लीनाथ ने लूणी नदी के तट पर तिलवाड़ा में संत समागम शुरू किया था, इसमें उनके गुरु उगमसिंह भाटी, लोक देवता रामदेवजी, पाबूजी, हड़भूजी, जैसल-तोरल(कच्छ भुज) व संत मेघधारू आदि ने भाग लिया था। इनकी याद में चैत्र माह में रावल श्री मल्लीनाथ के नाम से पशु मेला लगता हैं। शनिवार को संतो का समागम एवं उनके आशीर्वचन की सभा होगी।

इसमें गाजियाबाद दूधेश्वरनाथ मठाधीश व जूना अखाड़ा के अंतराष्ट्रीय महामंत्री महंत नारायणगिरी महाराज, सिरेमन्दिर जालोर पीर श्री गंगानाथ महाराज, महन्त ओंकार भारती परेऊ मठ, महन्त गोरखनाथ ख्याला मठ(म्यैजलार) जैसलमेर, महन्त शंकर भारती मालाणी मठ, सिणली, महन्त नारायण भारती, वरिया ढाणा मठ व अन्य साधु महात्मा उपस्थित रहेंगे।

यह समारोह राणी रूपादे के विचार धारा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता के विषय पर आधारित होगा। कार्यक्रम के समापन पर प्रसादी होगी। समारोह में बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, पाली, सिरोही, जालोर जिले के साथ-साथ गुजरात प्रान्त से श्रद्धालु आएंगे।

रावल विक्रम सिंह व रावल दलपत सिंह , बाड़मेर से रावत त्रिभुवनसिंह , लूणां से राव रामसिंह, कोटड़ा से राणा नरेन्द्रसिंह , गिराब से रावत अभयसिंह विशिष्ट अतिथि होंगे। रावल किशनसिंह जसोल अध्यक्षता करेंगे।

बालोतरा, जसोल, तिलवाड़ा, पचपदरा, सिवाणा, समदड़ी, कल्याणपुर, जागसा, बूड़ीवाड़ा, टापरा, असाड़ा, मेवानगर, वरिया, सिमालिया, कीतपाला, कालेवा, परेऊ, नौसर, दाखा, भाटा, डंडाली से बड़ी संख्या से श्रद्धालु आएंगे।

Source: Barmer News

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