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दिलीप दवे
बाड़मेर. बाडमेर. देश व प्रदेश भर में अपना कहर बरपा रही वायरसजनित लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) से जिले का गोवंश भी काफी तादाद में प्रभावित हुआ है। जिले के कुल गोवंश में से महज 10 फीसदी (95774) गोवंश ही लंपी स्किन डिजीज से प्रभावित हुआ। जिले में लंपी स्किन डिजीज की चपेट में आने से अब तक सरकारी आंकड़ों के अनुसार हुई 2650 गोवंश की अकाल मौत से जिले के पशुपालकों को लगभग 11 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है। मरने वाले गोवंश का न तो बीमा था और न ही कोई मुआवजा मिलने की बात है।

पशुपालन विभाग ने इस संक्रामक रोग के नियंत्रण व रोकथाम के लिए कार्रवाई शुरू करते हुए आवश्यक कदम उठाए लेकिन दूर-दराज के गांवों में जागरूकता की कमी और समय पर इलाज नहीं मिलने से पशुधन की मौत हुई। जिले में 2650 पशुओं की मृत्यु हुई है। इसमें भी चिंता बात पशुपालकों के लिए यह है कि इन पशुओं न तो कोई बीमा है और ना ही मुआवजे को लेकर कोई बात की जा रही है। ऐसे में सैकड़ों पशुपालकों को करीब 11 करोड़ का नुकसान पशुधन की मौत से हुआ है।

अन्य जिलों से स्टाफ तैनात जिले में लंपी स्किन डिजीज के नियंत्रण के लिए सिरोही, पाली, दौसा, धौलपुर, करौली व अलवर जिले से पशुचिकित्सा अधिकारियों व पशुधन सहायकों को तैनात किया गया , जो आवश्यकतानुसार लगातार प्रभावित क्षेत्रों में रोग नियंत्रण का कार्य कर रहे हैं।

मुआवजे को लेकर हमारा प्रयास चल रहा है। राज्य सरकार व केन्द्र सरकार को प्रस्ताव दिया है जिसमें पशुपालकों की आर्थिक िस्थति का हवाला देते हुए उचित मुआवजे की मांग की है। – मेवाराम जैन, अध्यक्ष राजस्थान गोसेवा आयोग

Source: Barmer News

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