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जोधपुर. शीतकालीन प्रवास पर आने वाले मेहमान पक्षी कुरजां के प्रथम समूह ने जिले के खींचन में दस्तक दे दी है। कजाकिस्तान व मंगोलिया सहित बर्फ आच्छादित क्षेत्रों से उड़ान भर कर खींचन तक आने वाले कुरजां को इस बार जलाशयों में प्रचूर मात्रा में पानी के कारण खाद्य शृंखला उपलब्ध हो सकेगी। पक्षी विशेषज्ञों को जोधपुर के आसपास के जलस्रोतों में वर्षा जल की अच्छी आवक होने से मारवाड़ आने वाले शीतकालीन प्रवासी पक्षियों को तादाद बढऩे की इस बार ज्यादा होने की उम्मीद है। खींचन के पक्षी प्रेमी सेवाराम माली ने बताया कि खींचन के सभी प्रमुख तालाब गुलजार है।

एक सप्ताह विलंब से दस्तक

पिछले साल की तुलना में कुरजां के प्रथम समूह ने एक सप्ताह विलंब से जोधपुर जिले के खींचन में दस्तक दी है। पिछले साल वर्ष 2021 में 26 अगस्त को ही कुरंजा का प्रथम दल पहुंचा था। वर्ष 2020 में 1 सितम्बर, वर्ष 2019 में 4 सितम्बर व वर्ष 2018 में 2 सितम्बर को कुरजां ने पहला पड़ाव डाला था।

पक्षी चुग्गा घर में घास बनी बाधक

खींचन में कुरजां के प्रमुख चुग्गा घर मैदान में से अब तक घास नहीं हटाए जाने के कारण पक्षियों का प्रथम समूह अभी तक आसपास के खेतों में डेरा डाले है। चुग्गा घर की सफाई का जिम्मा पहले वनविभाग और बाद में क्षेत्र की पंचायत समिति व ग्राम विकास अधिकारी सौंपा गया था।

इस बार प्रचुर मात्रा में भोजन की उपलब्धता के चलते कुरजां की संख्या में में बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है। पिछले साल करीब 40,000 से अधिक कुरजां ने खींचन में पड़ाव डाला था। इस बार यह रिकॉर्ड भी टूटने की संभावना है।

Source: Jodhpur

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