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सभी धर्मों में सकारात्मकता ही असली सौहार्द : मुनि मोहजीत

बालोतरा. सभी धर्मों में सकारात्मकता ही असली सौहार्द है ।अणुव्रत में मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा की गई है, जिसमें इंसान पहले इंसान फिर हिन्दू या मुसलमान बताया गया हैं। यह बात मुनि मोहजीतकुमार ने कही। वे अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत बुधवार को न्यू तेरापंथ भवन में आयोजित सांप्रदायिक सौहार्द दिवस के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उनहोंने कहा कि हम सभी धर्मगुरु एक ही बात कहते हैं कि धरती एक है। मकान का स्वरूप अलग- अलग है। विचारों का सांमजस्य ही धर्म है। सबके प्रति मैत्री करुणा का भाव सदैव बना रहना ही सौहार्द है। सांप्रदायिक सौहार्द वर्तमान समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

मुनि जयेशकुमार ने कहा कि महान व्यक्ति चुनौतियों से घबराता नहीं है। अनेकता में एकता में विश्वास करना ही सौहार्द है। मौलाना पीरबख्श ने कहा कि हर धर्म की धार्मिक किताब है। जगत में प्राणी मात्र को अपना हक मिलना चाहिए, यह आदर्श ही असली सौहार्द है।ब्रह्मकुमारी उमा ने कहा कि जैसी दृष्टि, वैसी सृष्टि है। जैसा भाव वैसा काम है। यदि सोच के अनुरूप फल की प्राप्ति होती है। अध्यक्ष जवेरीलाल सालेचा ने धर्म गुरुओं का स्वागत किया। समिति उपाध्यक्ष कमला ओस्तवाल ने आभार व्यक्त किया। संचालन संयोजक नवीन सालेचा ने किया । इस मौके तेरापंथ सभा, युवक परिषद महिला मण्डल ,अणुव्रत समिति के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।

Source: Barmer News

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