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जोधपुर।
हवाई अड्डे (Airport) पर जिंदा कारतूस (Live cartridges) के साथ पकड़े जाने के बाद एयरपोर्ट थाने से फरार होने वाले तस्करी (No clue of Smuggler who run away from police station) के आरोपी का पन्द्रह दिन बाद भी पुलिस कोई सुराग तक नहीं लगा पाई है। उधर, संदेह के दायरे में आए निलम्बित कांस्टेबल की विभागीय जांच शुरू की गई है।
पुलिस के अनुसार बनाड़ थानान्तर्गत जाजीवाल धोरा निवासी रमेश पुत्र गिरधारीराम बिश्नोई शातिर आरोपी है। गत 16 सितम्बर को वह अपनी पत्नी व एक पण्डित के साथ चेन्नई जाने के लिए हवाई अड्डे पहुंचा था, जहां स्कैनर मशीन से जांच में उसके लगेज में जिंदा कारतूस पकड़ा गया था। सुरक्षाकर्मियों ने जांच के बाद तीनों को एयरपोर्ट थाने भिजवा दिया गया था। निगरानी के लिए संतरी ड्यूटी कर रहे सुनील बिश्नोई को तैनात किया गया था। तभी रावर की ढाणी निवासी श्रवण बिश्नोई थाने में आया और अपने बहनोई रमेश बिश्नोई को वहां से भगा दिया था। रमेश बाहर खड़ी कार में सवार होकर भाग गया था।
पुलिस ने पीछा कर श्रवण बिश्नोई को पकड़ लिया था। राजकार्य में बाधा डालने व थाने से फरार होने के मामले में रमेश की पत्नी गीता व साले श्रवण बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी रमेश को पकड़ने के लिए तकनीकी पहलूओं के साथ-साथ मुखबिर तंत्र की भी मदद ली जा रही है। हर संभावित ठिकानों पर तलाशी लेने के बावजूद वह पकड़ा नहीं जा सका है।
पांच मामलों में पुलिस को है तलाश
आरोपी रमेश के खिलाफ राज्य के विभिन्न थानों में मादक पदार्थ तस्करी, मारपीट व अन्य के बारह मामले दर्ज हैं। वह एनडीपीएस एक्ट के तीन मामलों में वांटेड है।मार्च 2019 से पुलिस उसकी तलाश में है। जिंदा कारतूस जब्त होने पर आर्म्स एक्ट और थाने से फरारी के अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। इस तरह वह पांच मामलों में वांटेड है।

Source: Jodhpur

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