जोधपुर. विश्व पर्यटन मानचित्र पर जोधपुर जिले को नई पहचान दिलाने वाले मेहमान पक्षी कुरजां का कलरव धीरे धीरे बढ़ने लगा है। जिले के खींचन ( फलोदी ) में कुरजां की संख्या 2000 से सीधे 4000 हजार तक जा पहुंची है। कछुआ गति से चुग्गा घर की सफाई होने के कारण कुरजां के समूह थार के विभिन्न जलाशयों व खेतों में भी डेरा डाले हुए है। पक्षी चुग्गा घर के पीछे तालाब की सफाई भी अब तक बाकी है। कई जगहों पर बिजली के खुले तार भी कुरजां की उड़ान में बाधक बने हुए है। करीब छह माह की लंबी अवधि तक खींचन ( फलोदी ) में शीतकालीन प्रवास के लिए कजाकिस्तान, मंगोेलिया से आने वाले कुरजां पक्षी फरवरी तक भारत में रहते हैं ।
अनुकूल स्थान ना हो तो स्थान परिवर्तन
कुरजां के समूह का नेतृत्व सबसे आगे एक ग्रुप लीडर करता है , जो पड़ाव स्थल तय करने के लिए पहले मौके पर पहुंचता है । पड़ाव स्थल पर किसी भी तरह का खतरा या मौसम तथा समूचित भोजन की अनुकूलता न होने पर कुरजां के समूह स्थान तक परिवर्तन कर देते है।
अभी तक चुग्गा घर की सफाई का काम
बाकी खींचन में कुरजां के प्रमुख चुग्गा घर मैदान में से अब तक घास पूरी तरह नहीं हटाए जाने के कारण पक्षियों के समूह थार के जलाशयों और आसपास के खेतों में डेरा डाले हुए है। कुरजां का कलरव बढ़ने के बावजूद प्रशासन अभी तक सक्रिय नहीं हुआ है। खींचन में चुग्गाघर व कुरजां पक्षियों की नियमित देखरेख करने वाले पक्षी प्रेमी सेवाराम माली ने बताया कि चुग्गा मैदान की सफाई अंतिम चरण में है और भामाशाहों व ग्रामीणों के सहयोग से जल्द ही पूरी हो जाएगी।
Source: Jodhpur