महेन्द्र त्रिवेदी
उच्च शिक्षा में प्रदेश में छात्राएं आगे बढ़ रही है। कॉलेज का नामांकन बता रहा है कि बालिकाएं अध्ययन में आगे निकल चुकी है। बढ़ते महिला कॉलेज का भी इसमें एक बड़ा योगदान है। वहीं बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है। अब स्कूल के बाद कॉलेज की पढाई के लिए अभिभावक भी आगे रहते है। जिससे महिला शिक्षा का अनुपात बढ़ता जा रहा है। सत्र 2021-22 में 100 छात्रों के मुकाबले छात्राओं का नामांकन 107 रहा है।
महिला शिक्षा में बड़ी बढ़ोतरी हो रही है। महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा कारण माना जा सकता है। महिला कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में सत्र 2021-22 में कुल 580 कॉलेज तक आंकड़ा पहुंच गया। बालिकाओं को अभिभावक भी पढऩे का अवसर दे रहे हैं। जिसकी बदौलत बालिका शिक्षा की रफ्तार बढ़ी है।
साल 2006-07 में 100 छात्रों पर केवल 64 थी छात्राएं
साल 2006-07 के सत्र में 100 छात्रों के मुकाबले में मात्र 64 छात्राएं ही उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही थी। उक्त सत्र के दौरान भी कुल 361 महिला महाविद्यालय थे। लेकिन जागरूकता की कमी थी, इसलिए छात्रों के मुकाबले में छात्राएं काफी कम कॉलेज स्तर की पढाई करती थी। अब इसका उलट हो रहा है। अब छात्राएं बढ़ी है।
साल 2016-17 में की थी बराबरी
कॉलेज शिक्षा में प्रदेश में प्रति 100 छात्रों से बराबरी करते हुए साल 2016-17 में छात्राओं का नामांकन बराबरी पर आया। जबकि इसके एक साल पहले सत्र तक यह संख्या 97 थी। इसके बाद तो संख्या लगातार बढ़त में ही रही है। पिछले पांच सालों में देखा जाए तो सत्र 2019-20 में सर्वाधिक 100 छात्रों के मुकाबले में 111 छात्राएं कॉलेज शिक्षा में नामांकित हुई।
बाड़मेर में पिछले पांच सालों में लगातार बढ़ोतरी
जिले में छात्राओं का कॉलेज में नामांकन लगातार बढ़ा है। पिछले पांच सालों में यहां के कॉलेजों में प्रतिवर्ष एक हजार छात्राओं का नामांकन बढ़ा है। यह आंकड़ा काफी बड़ा है। जबकि यह माना जाता रहा है कि यहां पर बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता कम है, लेकिन बदलाव की बयार आंकड़े खुद बयां कर रहे हैं कि अब यहां पर स्कूल ही नहीं कॉलेज में भी छात्राओं को पढ़ाने में अभिभावक आगे आ रहे है। जिसके चलते ही प्रतिवर्ष नामांकन बढ़ता है।
शिक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है
शिक्षा के प्रति आमजन में काफी जागरूकता आई है। बेटियां अब स्कूल के बाद कॉलेज की पढ़ाई भी कर रही है। समय के साथ शिक्षा को लेकर सुविधाएं भी बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कॉलेज और बालिका छात्रावास की सुविधाएं बढऩा भी उच्च शिक्षा में नामांकन बढऩे का एक बड़ा कारण है।
डॉ. लता कच्छवाह, सामाजिक कार्यकर्ता बाड़मेर
राजस्थान : प्रति 100 छात्रों पर कैसे बढ़ी छात्राओं की संख्या
शैक्षणिक सत्र …….छात्राओं की संख्या
2016-17 ……………100
2017-18 …………106
2018-19 …………108
2019-20 ………..111
2020-21 ………..105
2021-22 …………107
———-
बाड़मेर में बढ़ा छात्राओं का नामाकंन
सत्र ………..छात्राएं
2016-17 …4005
2017-18 …..5673
2018-19 …..6571
2019-20 …..7353
2020-21 …..7762
2021-22 …..9261
Source: Barmer News