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जोधपुर. खोजपूर्ण एवं रचनात्मक पत्रकारिता के लिए दिए जाने वाला प्रतिष्ठित माणक अलंकरण पुरस्कार समारोह का आयोजन रविवार को चामी पोलो ग्राउण्ड के सामने होटल चन्द्रा इम्पीरियल के बैंक्वेंट हॉल में आयोजित किया गया।

दैनिक जलतेदीप के संस्थापक माणक मेहता की स्मृति स्थापित माणक अलंकरण का 38, 39, 40 वें संयुक्त समारोह में राजस्थान पत्रिका के कान्हाराम मुंडियार, नंदकिशोर सारस्वत व जयकुमार भाटी सहित वर्ष 2019, 2020 व 2021 के लिए पूर्व में चयनित कुल 18 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सम्मानित पत्रकारों को शॉल ओढ़ाकर, स्मृति चिह्न व सम्मान राशि प्रदान की।

मुख्यमंत्री गहलोत ने वर्ष 2020 के उत्कृष्ट फोटोग्राफी श्रेणी में राजस्थान पत्रिका के फोटो जर्नलिस्ट जयकुमार भाटी को माणक अलंकरण से सम्मानित किया गया। वर्ष 2019 के लिए राजस्थान पत्रिका के कान्हाराम मुण्डियार और वर्ष 2020 के लिए राजस्थान पत्रिका के नन्दकिशोर सारस्वत को माणक अलंकरण से सम्मानित किया गया। वहीं वर्ष 2021 के लिए संगीता शर्मा को माणक अलंकरण से सम्मानित किया गया। गहलोत ने सभी सम्मानितों पत्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि इन्होंने अपनी लेखनी व विचारों से समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया है। समारोह में आचार्य लोकेश मुनि, प्रभारी मंत्री सुभाष गर्ग, राज्य पशुधन आयोग अध्यक्ष राजेन्द्रसिंह सोलंकी, रीको के स्वतंत्र निदेशक सुनील परिहार, शहर विधायक मनीषा पंवार मंचासीन थे।

महात्मा गांधी के विचार आज भी प्रासंगिक : गहलोत
मुख्यमंत्री ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महात्मा गांधी के विचारों को अत्यधिक प्रासंगिक बताया और कहा कि देश वर्तमान में जिन परिस्थितियों के दौर से गुजर रहा है, उसमें देश में एकता और विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए गांधी दर्शन को आत्मसात करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राजस्थान में सरकार ने अहिंसा विभाग की स्थापना की है ताकि इसके माध्यम से शांति, सौहार्द एवं भाईचारे की भावनाओं से भरे संस्कारों का संवहन नई पीढी में हो सके। उन्होंने कहा कि संस्कार ही आगे बढ़ाते हैं।

महात्मा गांधी के विचार आज भी प्रासंगिक : गहलोत
मुख्यमंत्री ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महात्मा गांधी के विचारों को अत्यधिक प्रासंगिक बताया और कहा कि देश वर्तमान में जिन परिस्थितियों के दौर से गुजर रहा है, उसमें देश में एकता और विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए गांधी दर्शन को आत्मसात करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राजस्थान में सरकार ने अहिंसा विभाग की स्थापना की है ताकि इसके माध्यम से शांति, सौहार्द एवं भाईचारे की भावनाओं से भरे संस्कारों का संवहन नई पीढी में हो सके। उन्होंने कहा कि संस्कार ही आगे बढ़ाते हैं।


Source: Jodhpur

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