बजरी की कीमत कम करने की मांग को लेकर नगर में रालोपा की ओर से दिए जा रहे अनिश्चितकालीन धरना और अनशन कर रहे एक जने की तबीयत बिगडऩे पर पुलिस ने सोमवार रात उसे जबरदस्ती चिकित्सालय में भर्ती करवाया। पुलिस की इस कार्रवाई का प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया। उन्होंने प्रशासन व पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। कार्रवाई को लेकर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। पुलिस ने समझाइश कर हटाया।
बजरी की कीमत कम करने की मांग को लेकर रालोपा की ओर से बीते 64 दिन से अनिश्चितकालीन धरना जारी है।
पुलिस ने करवाया अस्पताल में भर्ती
प्रशासन की कार्रवाई से असंतुष्ट थानसिंह डोली व शंकरलाल मायला ने भूख हड़ताल प्रारंभ की थी। नियमित जांच के दौरान सोमवार शाम चिकित्सक ने शंकरलाल की तबीयत सुस्त होना पाया। प्रशासन को इसकी सूचना दी गई। इस पर रात करीब साढ़े आठ बजे तहसीलदार इमरान खान, उप अधीक्षक नीरज शर्मा व बालोतरा थानाधिकारी उगमराज सोनी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने संगठन पदाधिकारियों, आमरण अनशन पर बैठे लोगों से मुलाकात की। खराब सेहत का हवाला देेते हुए इन्हें उपचार के लिए चिकित्सालय में भर्ती होने की बात कही। इस पर पार्टी नेता उम्मेदाराम बेनीवाल व थानसिंह डोली आदि ने इसका विरोध किया। कहा कि अनशनकारी शंकरलाल मायला का स्वास्थ्य सही है। सुबह सही था, शाम को अचानक कैसे खराब हो गया है। धरना हटाने को लेकर प्रशासन, पुलिस दबाव में यह कार्रवाई कर रहे हैं।
नहीं मानी कार्यकर्ताओं की बात
चिकित्सक को दुबारा बुला कर अनशनकारी की जांच करवाने की मांग की। इस पर अधिकारियों ने इससे इनकार किया। काफी देर तक समझाइश की। आखिर में अधिकारी शंकरलाल मायला को उठा व गाड़ी में बैठा कर राजकीय नाहटा चिकित्सालय पहुंचे। उन्हें भर्ती करवाकर उपचार शुरू करवाया। इस कार्रवाई से नाराज प्रदर्शनकारियों ने हाय-हाय, मुर्दाबाद के नारे लगाए। कार्रवाई के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर बालोतरा, पचपदरा व जसोल पुलिस थानाधिकारी व बड़ी संख्या में पुलिस का जाब्ता मौजूद रहा।
Source: Barmer News