जोधपुर. 1971 के भारत पाक युद्ध (india-pak war) में लोंगेवाला में असाधारण पराक्रम दिखाने वाले बीएसएफ़ की 14 बटालियन के जाबांज सेना मैडल नायक भैरोंसिंह राठौड़ की पार्थिव देह मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। पैतृक गांव सोलंकियातला में बीएसएफ़ की ओर से सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई। उल्लेखनीय है कि सांस लेने में तकलीफ के चलते जोधपुर के एम्स में भर्ती 81 वर्षीय राठौड़ ने सोमवार को अंतिम सांस ली।
मंगलवार दोपहर क़रीब 1 बजे भारत माता के जयकारों के साथ तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह पैतृक गांव सोलंकियातला पहुंची। वीर भैरोसिंह अमर रहे के गगनचुंबी जयकारों से माहौल देशभक्तिमय हो गया। राठौड़ की अंतिम यात्रा में बड़ी तादाद में ग्रामीण शामिल हुए। बीएसएफ़ के आइजी (एसटीसी) मदनसिंह राठौड़ सहित वरिष्ठ अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी दी। भेरोंसिंह राठौड़ के इकलौते पुत्र सवाईसिंह राठौड़ ने मुखाग्नि दी। इस दौरान जनसैलाब ने शेरगढ़ के सूरमा को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। राठौड़ के निधन पर सोलंकियातला गांव के बाज़ार बंद रहे।
गॉर्ड ऑफ ऑनर
बीएसएफ़ जोधपुर के जवानों ने सोलंकियतला में राइफ़ल्स से गॉर्ड ऑफ़ ऑनर देते हुए अंतिम विदाई दी। वहीं एनसीसी कैडेट्स ने भी राठौड़ को सैल्यूट किया।
राजे ने भी किए अंतिम दर्शनपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार सुबह एसटीसी बीएसएफ़ में राठौड़ के पार्थिव देह के दर्शन कर अंतिम सलाम किया। उन्होंने भैरोंसिंह के पुत्र को ढांढस बंधाते हुए कहा कि राठौड़ राष्ट्र के गौरव है। इससे पूर्व सोमवार को पीएम मोदी सहित कई राजनेताओं ने संवेदना व्यक्त की। राजस्थानी साहित्यकार मदनसिंह सोलंकियतला ने काव्यपाठ से दी शब्दांजलि प्रस्तुत की।
ये रहे मौजूद
सिंह की अंतिम यात्रा में महंत प्रतापपूरी महाराज, पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी, देवराज राठौड़ हित्तकारिणी सभा के अध्यक्ष मोतीसिंह चौरड़िया, डीआइजी मोहम्मद बिलाल ख़ान, टूवाइसी अशोक दुबे, डिप्टी कमांडेंट अविनाश कुमार, उपखंड अधिकारी पुष्पाकंवर सिसोदिया, ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी राजेंद्रसिंह शेखावत, रिटा. कमांडेंट धनसिंह सेतरावा, राजपूत विकास समिति के भगवानसिंह तेना, प्रधान श्रवणसिंह जोधा, डॉ. प्रभुसिंह बुड़किया, पूर्व प्रधान भंवरसिंह इन्दा, केतु कल्ला सरपंच नाथुसिंह गोगादेव, सरपंच भवानीसिंह देचु, सरपंच प्रतिनिधि मांगाराम भील, सरपंच प्रतिनिधि हरिसिंह जवाहरनगर, पंसस कुम्भाराम सुथार, हरिसिंह ढेलाना, केप्टन विजयसिंह बामणु सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
Source: Jodhpur