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संदीप पुरोहित

प्रदेश में यह चुनावी साल है। चुनावी साल में प्रवेश के साथ ही भाषण वीरों के तीर भी वोट आधारित हो गए हैं। नेताओं की जुबां से निकलने वाले हर शब्दबाण का निशाना सीधेतौर पर मतदाता ही है। कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने वोटों के खातिर जोधपुर में जहां जाट कार्ड खेलते हुए बन्नाजी (केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत) को लोकसभा में किसी भी सूरत में नहीं जाने देने का सियासी तीर छोड़ा।

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि लोकसभा में कौन जाएगा यह जनता तय करेगी डोटासरा नहीं। लूणी विधानसभा के धुंधाड़ा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में शेखावत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी बरसे। मुख्यमंत्री को बेबस बताते हुए कहा कि उनसे तो क्या उम्मीद करें। यानी गहलोत को घेर कर उन्होंने मतदाताओं को साधने की पूरी कोशिश की। इसी तरह, पेपरलीक मामले में मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा के बयान भी सीधेतौर पर मतदाताओं पर केन्द्रीत थे।

उन्होंने पेपर लीक के बहाने युवाओं को रिझाने के लिए अपनी ही सरकार को घेरने का प्रयास किया। कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अ भियान की तैयारियों में जुटे कांग्रेस नेताओं पर लोढ़ा ने एक के बाद एक कई तीर चलाए। लोढ़ा का निशाना अशोक गहलोत सरकार जरूर थी, लेकिन लक्ष्य युवा वोटर ही थे। उन्होंने कहा, हाथ तो सब जुड़े हुए हैं, गांव-गांव में हर रोज जोड़ते हैं। उन्होंने आरपीएससी को निशाने पर लेते हुए सख्त कार्रवाई की मांग भी उठाई। लोढ़ा ने अपने चितपरिचत अंदाज में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ भी की। कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी इसी मामले में भुनाने में पीछे नहीं रहे।

उन्होंने परबतसर में पेपर लीक मामला उठाकर सरकार की कमजोर नब्ज पर हाथ धरा। पायलट ने स्वयं को युवाओं हिमायती बताया और भर्ती परीक्षाओं के रद्द होने पर आहत होने की बात कही। माफिया के विरुद्ध सरकार की कार्रवाई पर उन्होंने सवाल भी उठाया। पायलट ने कहा छोटे-छोटे दलालों की जगह इन्हें पनाह दे रहे माफियाओं को पकड़ो। कुल मिलाकर मारवाड़ में चुनाव की आहट साफ नजर आ रही है। वोटों को रिझाने के लिए नेता कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

Source: Jodhpur

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