बालोतरा. रेलवे की अनदेखी जोधपुर- बाड़मेर रेल मार्ग के हजारों यात्रियों के लिए आज भी बड़ी मुसीबत बनी हुई है। रेलयात्री एक दो वर्ष से नहीं डेढ़ दशक से अधिक समय से परेशानी झेल रहे हैं। लेकिन रेलवे इस और ध्यान नहीं दे रहा है। रेल मार्ग के अधिकांश स्टेशनों पर लो- लेवल प्लेटफार्म होने पर महिला ,बुजुर्ग यात्री बसों में सफर करने को मजबूर बने हुए हैं। इस पर इन्हें जहां महंगा किराया चुकाना पड़ता है, वही रेल सुविधा होने के बावजूद इससे वंचित रहना पड़ता है। रेलवे की इस अनदेखी से यात्रियों में रोष है।
रेलवे की अनदेखी पर जोधपुर -बाड़मेर रेल मार्ग के यात्री राहत को तरस गए हैं। रेलगाड़ी में सवार होने ,उतरने को लेकर हर दिन हजारों यात्री परेशानी उठाते हैं। रेलवे ने करीब 15 वर्ष से अधिक पहले जोधपुर – बाड़मेर रेल मार्ग का आमान परिवर्तन किया था। इससे पहले इस रेल मार्ग पर मीटर गेज की कम ऊंचाई की रेलगाड़ियां संचालित होती थी। इनके अनुरूप लो- लेवल प्लेटफार्म होने पर यात्रियों को रेलगाड़ी में सवार होने ,उतरने को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होती थी। लेकिन आमान परिवर्तन के बाद से ब्रॉडगेज रेलगाड़ियां संचालित हो रही है। यह रेलगाड़ियां पहले से संचालित रेलगाड़ियों से अधिक ऊंची है। जबकि प्लेटफार्म पहले की तरह ही लो- लेवल के कम ऊंचाई के हैं। इस पर इनमें सवार होने ,उतरने को लेकर हर दिन हजारों यात्री परेशानी उठाते हैं। छोटे रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी नाममात्र दो मिनट ठहरती है। सस्ते रेल किराया पर साधारण रेलगाड़ियां यात्रियों से खचाखच भरकर संचालित होती है। ऐसे में सामान सहित इनमें सवार होने ,उतरने को लेकर यात्रियों को अधिक दिक्कतें उठानी पड़ती है। विशेषकर कम उम्र के बच्चों ,महिलाओं, बुजुर्गों को सर्वाधिक परेशानी उठानी पड़ती है। रेलगाड़ियों के कम ठहराव व लो लेवल प्लेटफॉर्म होने पर आपाधापी में कई यात्री सामान सहित नीचे गिरते हैं। इससे वे चोटिल होते हैं। इस परेशानी से बचने को लेकर महिला, बुजुर्ग व बीमार यात्री रेलगाड़ी में यात्रा करना पसंद नहीं करते हैं। मजबूरी में बस का महंगा किराया चुका कर इसमें यात्रा करते हैं। इस पर रेल सुविधा होने के बावजूद उन्हें इससे वंचित रहना पड़ता है। परेशान यात्री अनेकों बार रेल उच्च अधिकारियों से हाई लेवल प्लेटफार्म बनाने की मांग कर चुके हैं। रेल अधिकारी भी इनकी समस्या व मांग से अच्छी तरह वाकिफ है। लेकिन हाई लेवल प्लेटफार्म निर्माण में रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे आम यात्री में अधिक रोष है।
अनदेखी पड़ रही भारी- रेलवे ने जोधपुर- बाड़मेर रेल मार्ग के बड़े रेलवे स्टेशन जोधपुर, भगत की कोठी ,बासनी, लूनी, समदड़ी, बायतु, बाड़मेर स्टेशन के लो लेवल प्लेटफॉर्म को ही हाई लेवल प्लेटफॉर्म में निर्माण करवाया। इससे यहां के यात्रियों को अच्छी सुविधा मिल रही है। लेकिन इतने वर्ष बीतने के बावजूद आज भी रेलवे स्टेशन हनवंत, सतलाना, दूदिया, धुंधाड़ा, महेशनगर, अजीत, पारलू, जानियाना, खेड़, तिलवाड़ा, गोल स्टेशन, भिमरलाई, बनिया सांडा धोरा आदि रेल स्टेशनों के लो -लेवल यात्री प्लेटफार्म को हाई- लेवल प्लेटफार्म में परिवर्तित नहीं किया। इससे इन स्टेशनों के यात्री यात्रा करने को लेकर हर दिन अधिक दिक्कतें उठाते हैं।
व्यू. जोधपुर बाड़मेर रेल मार्ग के अधिकांश छोटे रेलवे स्टेशन पर आज भी लो- लेवल पर यात्री प्लेटफार्म है। रेलगाड़ी के कोच बड़े होने व प्लेटफार्म नीचे होने से इनमें सवार होना किसी चुनौती से कम नहीं है। सामान सहित उतरने,चढ़ने दौरान संतुलन बिगड़ने पर कई यात्री धड़ाम से नीचे गिरते हैं। इससे वे चोटिल होते हैं। रेलवे यात्री हित में शीघ्र हाई लेवल प्लेटफार्म का निर्माण करवाएं।
मोहनराम
रेलआमान परिवर्तन हुए कई वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन अधिकांश रेलवे स्टेशनों पर यात्री प्लेटफार्म पहले की तरह आज भी लो- लेवल के हैं। बच्चों महिलाओं व बुजुर्गों को रेलगाड़ी में सवार होने व उतरने के दौरान अधिक परेशानी होती है। इस परेशानी से बचने के लिए में महंगा किराया झुकाकर मजबूरी में बस की यात्रा करती हूं। रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए हाई लेवल प्लेटफार्म का निर्माण करवाएं।
कमलादेवी
Source: Barmer News