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बाड़मेर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने महिला उत्पीडऩ के मामलों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए है। सर्किट हाउस में महिलाओं की जन सुनवाई में आयोग अध्यक्ष ने कहा कि महिला अधिकारों की रक्षा के लिए उनमें जागरूकता होना अत्यावश्यक है, महिलाएं शिक्षित होकर न केवल अपने अधिकारों की रक्षा कर सकती है अपितु अपने परिवार का भी बेहतर संरक्षण कर सकती है। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारों की जागरूकता एवं महिला उत्पीडऩ के मामलों की जानकारी के लिए आयोग स्वयं सभी जिलों में जा रहा है तथा वहां की विशेष परिस्थितियों का अध्ययन कर रणनीति बना रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग के समक्ष आने वाले प्रकरणों का समयबद्ध रूप से निस्तारण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पुलिस के समक्ष जैसे ही कोई महिला फरियाद लेकर आती है तो उसे तुरन्त राहत प्रदान करते हुए आरोपियों के विरुद्ध कड़ी तथा त्वरित कार्यवाही की जरूरत है। जिससे समाज में महिला अत्याचार की रोकथाम का सन्देश जाए। महिलाएं उत्पीडऩ से राहत पाने के लिए घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 का सहारा लेकर बिना धन खर्च किए न्याय प्राप्त करें। पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया है कि थानों में महिला डेस्क के माध्यम से महिलाओ से संबंधित कानूनों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें।

प्रताडि़त होने पर आयोग में दर्ज करवाएं मामला

आयोग की अध्यक्ष ने महिलाओं से आग्रह किया है कि घरेलू हिंसा को सहन नहीं करें एवं प्रताडि़त होने पर महिला आयोग में मामला दर्ज करवाएं। उन्होंने महिलाओं को शिक्षित होकर अधिक सशक्त बनने की सीख दी। आयोग की सदस्य अंजना मेघवाल ने भी महिला उत्पीडऩ के मामले में आयोग की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार योजनाएं चला रही है जिसका पूरा-पूरा लाभ महिलाएं जागृत होकर उठाएं। जनसुनवाई के दौरान प्रस्तुत कुल 23 प्रकरणों में आयोग ने पीडि़तों की व्यक्तिगत सुनवाई की तथा आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।इससे पहले जिला कलक्टर लोक बंधु ने आयोग के समक्ष प्रस्तुत महिलाओं को परिवेदनाओं पर संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली और आयोग से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही को कहा।

Source: Barmer News

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