जोधपुर. कोरोना महामारी से लगभग पूरी दुनिया उबर चुकी है, लेकिन जोधपुर बस सर्विसेज लिमिटेड (जेबीएसएल) को अब भी कोरोना का खौफ सता रहा है। कोरोना के नाम पर करीब दो साल से सार्वजनिक परिवहन सेवा (बस रैपिड ट्रांसिट सिस्टम) ठप है। मजे की बात यह है कि करोड़ों की बसें नगर निगम के गैराज में धूल फांक रही है। इसके बाद भी परिवहन सेवा सुचारू करने के प्रयास नहीं हो रहे हैं। जबकि, बसों के संचालन के लिए गठित जेबीएसएल में नगर निगम की मेयर समेत शहर के महत्वपूर्ण अधिकारी और जनप्रतिनिधि निदेशक मंडल में शामिल है। नगर निगम उत्तर नोडल एजेंसी है।
वर्ष 2013 में शहर के 6 रूट पर 39 लग्जरी लो फ्लोर बसों का संचालन शुरू किया गया था। इसके लिए जोधपुर बस सर्विस लिमिटेड कंपनी का गठन किया गया। 2016 में बसों के संचालन का 5 साल के लिए पुन: अनुबंध किया गया। मार्च 2020 से अक्टूबर 2020 तक कोरोना के कारण बसों का संचालन बंद रहा। तत्पश्चात नवंबर-दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 तक बसें चलीं और फिर पहिए थम गए। अनुबंध खत्म होने के कारण बसों का संचालन बंद हो गया। तब से लेकर अब तक सभी बसें झालामण्ड में नगर निगम दक्षिण के गैराज में हैं।
दो बड़े नुकसान :
1-बसें लंबे समय से बंद पड़ी है। इससे टायर-बेटरियां खराब हो रहे हैं। ऑयल और ग्रीस भी सूख गए हैं। बसों को अब मेंटेंनेस की जरूरत रहेगी। तकनीकी खामियां दूर करने के बाद ही बसों को सड़क पर दौड़ाया जा सकेगा। मेंटेनेंस के लिए जेबीएएल को काफी पैसा खर्च करना पड़ेगा। लंबे समय तक बंद पड़ी बसों की कंडीशन भी लगातार खराब हो रही है।2-सस्ती परिवहन सेवा बंद होने से शहरवासियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। शहर में कई ऐसे मार्ग है जहां सिटी बसें नहीं पहुंचती। शहरवासियों को मजबूरन ऑटो या अन्य साधनों से आना-जाना पड़ता है। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। जबकि, सार्वजनिक परिवहन सेवा के संचालन का उद्देश्य ही सस्ती परिवहन सेवा उपलब्ध कराना है।
6 मार्गों पर चलती थीं बसें
बीआरटीएस की बसों के संचालिन के लिए 6 मार्ग निर्धारित किए गए थे। इसमें बनाड़ से सूरसागर, बनाड़ से चौपासनी, मंडोर से बोरानाडा, आरटीओ आफिस से चौपासनी, मंडोर से बोरानाडा शामिल है। इन मार्गों पर लगभग पूरा शहर शामिल है। प्रतिदिन हजारों यात्री सस्ती परिवहन सेवा का लाभ उठा रहे थे। बसें बंद होने से शहरवासी अब सिटी बसों और ऑटो के भरोसे हो गए हैं। कई क्षेत्रों में यह भी उपलब्ध नहीं है।
बसें चले तो मिले राहत
प्रदेश के दूसरे बड़े शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवा के प्रति जिम्मेदारों अरुचि समझ से परे हैं। यदि बसों का संचालन शुरू होता है तो शहर के बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। आवागमन के लिए उन्हें ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ रही है। शहर के लोग सस्ती परिवहन सेवा शुरू करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल02 साल से बंद है बसें
39 बसें गैराज में फांक रही धूल09 साल पूर्व शुरू हुई थी बीआरटीएस
इन्होंने कहा
कोविड के कारण बसें बंद की गई थी। लंबे समय तक बसें खड़ी रहने से मेंटेनेंस की आवश्यकता है। इसके लिए बजट मांगा है। कुछ मिला भी है। जल्द ही बसों की मरम्मत करा कर परिवहन व्यवस्था सुचारू की जाएगी। बसों का संचालन जल्द से जल्द कराने का प्रयास कर रहे हैं।
कुंती देवड़ा, महापौर, नगर निगम उत्तर
दो साल से ज्यादा समय से बसों का संचालन बंद है। यह नगर निगम की साफतौर पर अनदेखी है। निगम की इस लापरवाही से लोगों को लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। किराया भी ज्यादा चुकाना पड़ रहा है। निगम को बसों का संचालन जल्द करना चाहिए।
सूर्याकांता व्यास, विधायक, सूरसागर
Source: Jodhpur