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सर्दी में तापमान रहता है नियंत्रित
खेत में करीब दो फीट की ऊंचाई व लगभग इतनी ही चौड़ाई में विशेष प्रकार की प्लास्टिक शीट लगाकर उसमें बेलदार फसल का बीज बोया जाता है। ज्यादा सर्दी के दिनों में यह शीट तापमान का संतुलन बनाए रखती है। बूंद-बूंद सिंचाई से बीज को पानी मिलता रहता है।

बेल को बांधते हैं तार से
टनल के ऊपर ही तार लगा दी जाती है। शीट हटाने के बाद बेल को तार से बांध दिया जाता है। बंधी हुई बेल अपने आप तार पर चढ़ जाती है। शीट हटने तक सर्दी कम हो जाती है और तापमान सामान्य हो जाता है। इससे बेल व उसमें लगने वाले फल मतीरा, खीरा, टिंडा इत्यादि स्वाभाविक रूप से पक जाते हैं।

फसल बाजार में पहले आने से होता फायदा
मतीरा व खीरे की फसल सर्दी कम होने के बाद बोई जाती है। लो टनल में सर्दी के पीक के दौरान बुवाई हो जाती है। लो टनल वाली फसल बाजार में पहले आ जाती है, जिससे फसल का भाव दुगुने से भी अधिक मिल जाता है। उन्नत किसान संतोष ने बताया कि ओपन फील्ड में इस खेती से 25-25 टन मतीरा व खीरा का उत्पादन होगा। तकनीक आधारित इस खेती से वह लाखों रुपए का मुनाफा हो रहा है।

धर्मसिंह भाटी — बाड़मेर

Source: Barmer News

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