जोधपुर. जोधपुर में अब चलता-फिरता पुलिस थाना भी शुरू हो गया है। बयानों के लिए थाना खुद चलकर घर आ जाएगा। परिवादी और गवाहों के बयान भी थाने की तरह ही होंगे, लेकिन किसी सुदूर जगह। यह चलता-फिरता पुलिस थाना एकदम हाइटेक है। इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं जो अनुसंधान में मददगार है। गवाहों और परिवादियों के बैठने की कुर्सियां भी लगी है।
दरअसल, गंभीर अपराधों के अनुसंधान में तेजी लाने के लिए हाल ही में पुलिस को मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (एमआइयू) वैन मिली है। वैन में कुर्सी-टेबल और कई उपकरण लगे हैं जो अनुसंधान के लिए उपयोगी है। खास बात यह भी है कि परिवादी को बयान दर्ज कराने के लिए बार-बार थाने के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे। यह वैन इन दिनों गंभीर मामलों में परिवादियों और गवाहों के बयान लेने उनके घर तक पहुंच रही है। कई बड़े अपराधों में घटनास्थल पर भी इसका उपयोग किया जा रहा है।
ऐसी है हाईटैक वैन-डिजिटल वीडिया कैमरा
-फर्स्ट एड बॉक्स
-अनुसंधान किट-लेपटॉप
-प्रिंटर-अत्याधुनिक फिंगर प्रिंट डवलपमेंट किट
-नारकोटिक डिटेक्शन किट-डीएनए सेंपल कलेक्शन किट
ये फायदे
– दूरस्थ स्थानों पर होने वाली घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
– अनुसंधान में लगने वाला समय भी बच सकेगा।
-अनुसंधान अधिकारी को साक्ष्य जुटाने में आसानी रहेगी।
-साक्ष्य मजबूत तरीके से जुटाए जा सकेंगे।
-सभी गवाहों का एक ही समय में एक ही जगह बयान कराए जा सकेंगे।
– घटनास्थल पर बयान दर्ज किए जाने के कारण अनुसंधान की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।-घटनास्थल से फिंगर प्रिंट इत्यादि साक्ष्य जुटाने में कारगर।
-परिवादी के बयान मौके पर ही लिए जा सकेंगे।-वेन में परिवादी और पुलिसकर्मी के लिए बैठने की भी सुविधा उपलब्ध।
उपयोगी है यूनिट
मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट काफी कारगर साबित होगी। बड़े घटनाक्रम और अपराधों में इसका उपयोग अनुसंधान में मददगार साबित हो रहा है। दूर दराज के मामलाें में गवाहों और परिवादियों को बयान देने के लिए थाने तक पहुंचने की भी जरूरत नहीं होगी।धर्मेन्द्रसिंह यादव, पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण
Source: Jodhpur