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जोधपुर / फलोदी. मौसम की प्रतिकूलता के बाद नुकसान का दंश झेल रहे किसानों के लिए जीरे की अन्तरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों ने मरहम लगा दिया है। जिससे घाटे में दिख रहे किसानों को मुनाफे में ला दिया है। गौरतलब है कि फलोदी के जिला घोषित होने के बाद जीरा भी इस बार किसानों के जीव का बेरी नहीं बना, बल्कि बम्पर आय वाली फसल बन गया है। गौरतलब है कि 17 मार्च को फलोदी जिला घोषित हुआ है और 22 मार्च के बाद जीरे की कीमतों में बढोतरी का दौर शुरू हुआ है, जो बढते-बढते 15 हजार प्रति क्विंटल से 42 हजार प्रति क्विंटल पहुंच गया और आगे 50 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बढने के कयास लगाए जा रहे है। ऐसे में किसानों के लिए फलोदी जिला बनना काफी हद तक शुभ माना जा रहा है।

अन्तरराष्ट्रीय बाजार में बढी मांग

विशेषज्ञों की माने तो अन्तरराष्ट्रीय बाजार में बढी मांग ने जीरा की कीमतों में तीन गुणा तक बढोतरी ला दी है, जिससे किसानों के चेहरे पर रौनक ला दी है, वहीं व्यापारी किसानों से जीरा खरीद कर गुजरात की ऊंझा मंडी, जूनागढ व राजकोट में विक्रय रहे है तो नागौर, जोधपुर व जयपुर के एक्सपोर्ट कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने फलोदी की मंडियों में डेरा डाल दिया है और अच्छी कीमत पर जीरा खरीदने से भावों में इस बार उछाल ला दिया है।

पहली बार बढी इतनी कीमतें

गौरतलब है कि ऑफ सीजन की अपेक्षा ऑन सीजन में कृषि जिन्स की कीमतों में गिरावट होती है, जिससे किसानों को मेहनत का पूरा लाभ नहीं मिलता था, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है जिसमें ऑफ सीजन की अपेक्षा ऑनसीजन में कृषि जिन्स की कीमतों में गिरावट होने की बजाए बढोतरी हुई है। जिसका लाभ यहां के किसानों के साथ व्यापारियों को भी मिलेगा। जीरे की कीमत में इजाफा होने से व्यापारियों की आय में भी तीन गुणा बढोतरी होने की उम्मीद है।

जीरे की ढेरियों से सजी फलोदी कृषि मंडी

इन दिनों फलोदी कृषि उपज मंडी में जीरा की अच्छी कीमत मिलने से जीरे की ढेरियों से सजी हुई है। यूं ंतो रबी की अन्य जीन्स भी किसान लेकर पहुंच रहे है, लेकिन जीरा सर्वाधिक आ रहा है और खरीदार भी जीरे के अधिक है। यही कारण है कि जीरे की खरीद व बेचान दोनों की उपज मंडी में होड लग रही है।

इस तरह बढे दाम

विशेषज्ञों की माने तो दस मार्च को फलोदी कृषि मंडी में जीरा की आवक से रबी की खरीद की सीजन शुरू हुई थी, उस समय जीरा की कीमतें 15 हजार प्रति क्विंटल थी, जो मंगलवार बढकर 41 हजार प्रतिक्विंटल पहुंच गई है, वहीं प्रदेश में मेडता मंडी में सर्वाधिक महंगे दाम 50 हजार रूपये प्रतिक्विंटल के दाम पर जीरा की बिकवाली हुई। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि फलोदी में भी जीरे के दामों में अभी बढोतरी होगी, जिसका लाभकिसानों को परोक्ष रूप से मिलेगा।

बीस करोड का जीरा प्रतिदिन आ रहा मंडी

जानकारों की माने तो फलोदी कृषि उपज मंडी में 5 हजार क्विंटल जीरा की प्रतिदिन की आवक हो रही है। जिसकी मंगलवार की कीमत बीस करोड से अधिक की रही, वहीं आगामी दिनों में मेडता मंडी की तरह ही यहां जीरा के दाम बढ़ते है तो किसानों का व्यापार प्रतिदिन 5 करोड बढ जाएगा।

जीरा की कीमतों से बढेगी मंडी की आय

अन्तरराष्ट्रीय बाजार में जीरा की कीमतों में बढोतरी का सिलसिला 20 मई तक चलेगा। किसानों के साथ मंडी की आय में भी चार गुना इजाफा होगा। मार्च में 25.48 लाख की आय मंडी को हुई थी, जिससे इस माह एक करोड के करीब पहुंचने की उम्मीद है।

– जयकिशन विश्नोई, सचिव कृषि उपज मंडी, फलोदी

नुकसान की भरपाई होगी सुगम

मौसम की परिस्थतियां अनुकूल नहीं रहने से कईं मुख्य राज्यों में जीरा का उत्पादन कम हुआ है, वहीं पश्चिमी राजस्थान में भी उत्पादन पर असर पडा है। यही कारण है कि जीरा की कीमतों में बढोतरी हुई है, अपने यहां जीरा की उत्पादकता व गुणवत्ता अच्छी है। जिससे इस सीजन में हुए नुकसान की भरपाई किसान को हो सकेगी।

– नरेश व्यास, सम्भागीय अध्यक्ष भारतीय किसान संघ, फलोदी

बैंक बढाएं व्यापारियों की लिमिट

जीरे के दामों में गत एक पखवाडा में जीरा के दामों में तीन गुणा तक बढोतरी हुई है, लेकिन व्यापारियों के पास खरीद के लिए पूंजी कम पड रही है। ऐसे में बैंकों को लिमिट बढाकर व्यापारियों व किसानों का सहभागी बनने की जरूरत है।

– जयप्रकाश लालजी पुरोहित, अध्यक्ष कृषि उपज मंडी व्यापार संघ, फलोदी

पन्द्रह दिनों में बढे दाम

ऑफ सीजन में जीरा 15 हजार रूपये प्रति क्विंटल की दर से बिक्री हुई थी, लेकिन सीजन में निर्यातों की मांग अधिक होने से जीरा की कीमतों में बडा इजाफा हुआ है। जिसका लाभ किसानों को मिलेगा, साथ ही मंडी की आय भी बढेगी। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जीरा की एक्सपोर्ट की मांग बढने से फलोदी क्षेत्र के किसानों को जीरा की अच्छी आय मिल रही है। जिससे खराब मौसम परिस्थतियों में घाटे से उबारने में मदद मिलेगी।

– धनसुख टरू, सचिव कृषि उपज मंडी व्यापार संघ व किसान नेता

Source: Jodhpur

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