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दिलीप दवे बाड़मेर. शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की पिछले तीन सत्र से डीपीसी बकाया चल रही है । ऐसे में समय पर डीपीसी नहीं होने व क्रमोन्नत विद्यालयों में व्याख्याता पदों की वित्तीय स्वीकृति नहीं होने के कारण रिक्त पदों का ग्राफ बिगड़ रहा है। शिक्षा विभाग में विभिन्न संवर्गो के प्रति वर्ष रिक्त होने वाले पदों के 50 फीसदी सीधी भर्ती व 50 फ़ीसदी विभागीय पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है।

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वॉइस प्रिंसिपल पदोन्नति से रिक्त हुए 10 हजार व्याख्याता पद
हाल ही 10000 व्याख्याताओं की वॉइस प्रिंसिपल पदों पर पदोन्नति होने से व्याख्याताओं के रिक्त पदों की संख्या बढ़ गई है । प्रतिवर्ष 1 अप्रेल के आधार पर विभागीय डीपीसी की जाती है। लेकिन पिछले तीन सत्र 2021-22, 2022-23 व 2023-24 की डीपीसी बकाया होने से 15000 वरिष्ठ अध्यापकों की व्याख्याता पदों पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है।

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क्रमोन्नत विद्यालयों में पदों की स्वीकृति का इंतजार
पिछले वर्ष मार्च में माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किए गए 3800 विद्यालयों में एक साल बाद भी व्याख्याता पदों की वितीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है। इसके अलावा उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत 1 हजार विद्यालयों सहित क्रमोन्नत कुल 5000 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रति विद्यालय 3 व्याख्याता के हिसाब से 15,000 व्याख्याता पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हो पाई है। यदि अप्रेल व मई में वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की डीपीसी नहीं होती है तो आगामी सत्र में विद्यालय खुलने पर व्याख्याताओं का टोटा रहेगा।

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शीघ्र हो डीपीसी प्रक्रिया
वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की तीन सत्रों से बकाया चल रही विभागीय डीपीसी प्रक्रिया अति शीघ्र की जाए, जिससे व्याख्याता के रिक्त पदों को भरा जा सके । साथ ही क्रमोन्नत 5000 विद्यालयों में व्याख्याता पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी कर 50 फीसदी पदों को विभागीय पदोन्नति से भरा जाए । जिससे आगामी सत्र में विद्यालय खुलने पर विद्यार्थियों को फायदा मिल सके।
– बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

Source: Barmer News

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