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धुंधाड़ा/जोधपुर. जिस मां ने अपने बेटों को जन्म दिया, उन्हें तमाम दु:ख-सुख के बीच पाला पोसा काबिल बनाया, लेकिन यही बेटे यदि बुढ़ापे में अपनी मां को भी साथ नहीं रख सकें तो इससे बड़ी विडंबना क्या होगी। सोचकर देखो जिन अरमानों के साथ बेटों को पैसे कमाने के काबिल बनाया वही बेटे शादी के बाद बहुओं की पैरवी करने लगे। कुछ ऐसी ही पीड़ा भरी दास्तां है लूणी विधानसभा क्षेत्र के पाल रोड़ स्थित दुकाननुमा रुम में किराए पर रहने वाली वृद्धा गंगाबाई सुथार की।

जिसके मकान से बहुओं ने उन्हें इसलिए बेदखल कर दिया क्योंकि मकान का मालिकाना हक वृद्ध किसी ओर को न दें दे। बेटों ने भी बहुओं के आगे हार मान ली ओर मां को किराए के रुम में तिल-तिल कर मरने पर छोड़ दिया। ऐसे में किराए के रुम में रहकर बेटे बहुओं को कोस रही वृद्धा की पीड़ा अखिरकार भगवान ने सुन ही ली। राज्य महिला एवं बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनिवाल ने सोमवार को वृद्धा के पास जाकर उनसे जानकारी ली व वृद्धा को मकान में पुन: बेटे बहुओं के साथ रखने के लिए कार्रवाई की सिफारिश की।

दिलाएंगे भरण पोषण का खर्चा

समाज में कई लोग ऐसे होते हैं जो माता पिता के साथ भेदभाव करते हैं। मैंने प्रशासनिक अधिकारियों को इस संबंद्ध में निर्देशित कर दिया है। वृद्धा को कोई तकलीफ नहीं हो इसके लिए कुछ दिन वृद्धाआश्रम में रखवाया जाएगा। वहीं बेटे व बहुओं के खिलाफ कार्रवाई कर उनसे भरण पोषण का खर्च लिया जाएगा।
संगीता बेनिवाल, अध्यक्ष राज्य महिला एवं बाल संरक्षण आयोग

Source: Jodhpur

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