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जोधपुर।
इस साल यानि वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार को लगेगा। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, और इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। लेकिन ग्रहण विश्व के अधिकांश देशों में दिखाई देगा। इससे देश-दुनिया व विभिन्न राशि के जातकों पर असर पड़ेगा। भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण सुबह 7:04 बजे से शुरू होकर दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा।
ग्रहण के समय सूर्य मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में होंगे, इसलिए इसका सबसे ज्यादा प्रभाव मेष राशि
वालों पर रहेगा। इसके अलावा वृष और कन्‍या सहित 6 राशियों पर सूर्यग्रहण के अशुभ प्रभाव पड़ने वाले हैं।
ज्योतिषी डाॅ. अनीष व्यास ने बताया कि 20 अप्रैल को लगने वाला वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और यहां इसका सूतक भी नहीं लगेगा, लेकिन ग्रहण के दौरान राहु-केतु कुछ बड़े ग्रहों और नक्षत्रों को पीड़ित करते हैं जिससे देश दुनिया और राशियों पर इसका व्यापक प्रभाव देखा जाता है। हालांकि, इसे ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, पूर्व और दक्षिण एशिया, अंटार्कटिका और हिंद महासागर सहित विभिन्न क्षेत्रों में देखा जा सकता है। यूं तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन शास्त्रों इसका काफी महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण काल के दौरान हमारे आसपास की हर चीज प्रभावित होती है। इसके अलावा इसका असर सभी 12 राशियों पर भी होता है। कुछ राशियों पर सूर्य ग्रहण का असर शुभ होता है, तो वहीं कुछ राशियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।

कोरोना मामलों में हो सकती है अचानक वृद्धि
सूर्य ग्रहण के समय शनि शतभिषा नक्षत्र में, मंगल आद्रा नक्षत्र में, केतु स्वाति नक्षत्र में होगा। यह तीनों नक्षत्र राहु के हैं। इस कारण इस सूर्य ग्रहण का व्यापक प्रभाव होगा।ऐसी आशंका दिखती है कि, सूर्य ग्रहण के बाद कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा भारत और पाकिस्‍तान की राजनीति में भारी उथल-पुथल मचेगी।
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बढ़ेंगे सोने के दाम
इसके साथ ही ग्रहण के समय बुध के सूर्य, चन्द्रमा और राहु से युति होने के चलते सोने के दामों में वृद्धि तथा स्टॉक-मार्किट में बड़ी उथल-पुथल के योग भी निर्मित हो रहे हैं।
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कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. लेकिन, यह कंबोडिया, चीन, अमरीका, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाइलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर पर दिखाई देगा।
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सूर्य का मेष राशि में भ्रमण
सूर्य ग्रहण के समय ग्रहों के राजा सूर्य, मेष राशि यानी अपनी उच्चतम राशि में भ्रमण कर रहे होंगे और सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद यानी 22 अप्रैल को गुरु ग्रह मेष राशि में प्रवेश करेंगे और मेष राशि में गुरु के प्रवेश करने का देश-दुनिया पर बड़ा असर पड़ने वाला है। इससे कई तरह के परिवर्तन दिखाई देंगे। वहीं सूर्य ग्रहण के चलते देश और दुनिया को आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।
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कोरोना में वृद्धि की आशंका किन्तु स्थिति नियंत्रण
सूर्य ग्रहण दक्षिणी प्रशांत महासागर के देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, इंडोनेशिया, फिलीपींस तथा पापुआ न्यूगिनी में दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण इन देशों में सुबह 7:04 मिनट से प्रारंभ होगा और दोपहर 12:29 मिनट तक दिखाई देगा। यह ग्रहण के दिन सूर्य के चन्द्रमा के साथ अश्विनी नक्षत्र में रहते हुए दिखाई देगा। अश्विनी नक्षत्र चूंकि केतु का नक्षत्र है अतः भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देशों में कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ने लगेंगे किन्तु स्थिति नियंत्रण में रहेगी।
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पैदा होंगे रोग
ग्रहण के समय शनि शतभिषा नक्षत्र में, मंगल आर्द्रा नक्षत्र में तथा केतु स्वाति नक्षत्र में गोचर कर रहे होंगे। शतभिषा, आर्द्रा और स्वाति तीनों राहु के नक्षत्र हैं। अत: इस ग्रहण के समय कुल 6 ग्रह राहु-केतु के नक्षत्रों या उनके सीथे प्रभाव में होंगे जिसके कारण कोरोना वायरस के मामले बढ़ना तय है और साथ ही कोई अन्य जीवाणु जन्य रोग भी पैदा हो सकता है जो कि अगले कुछ महीनों में परेशानी का कारण बन सकता है। यहां ध्यान देने योग्य बात है कि, इस सूर्य ग्रहण के एक दिन बाद ही गोचर में गुरु मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र, जो कि केतु का नक्षत्र है, में प्रवेश कर जाएंगे, जिससे असामान्य वर्षा, आंधी-तूफ़ान और जीवाणु जन्य रोगों का कुछ समय तक प्रभाव रहेगा।
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राजनीतिक और आर्थिक उठापटक के संकेत
यह ग्रहण मेष राशि में पड़ रहा है जो कि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का जन्म लग्न है। मेष राशि में पड़ने वाला यह ग्रहण पाकिस्तान में बड़ी राजनीतिक उठा-पटक का संकेत है जिसमें शाहबाज़ शरीफ की सरकार पर संकट मंडराएगा तथा देश में आपातकाल की स्थिति निर्मित होगी। पाकिस्तान की कुंडली में चल रही शनि में शुक्र में राहु की अशुभ विंशोत्तरी दशा देश में राजनीतिक हिंसा और उपद्रव का योग निर्मित कर रही है जिसमें विदेशी हस्तक्षेप भी हो सकता है। भारत के संदर्भ में देखें तो मेष राशि में पड़ रहा यह ग्रहण आज़ाद भारत की वृषभ लग्न की कुंडली के 12वें यानी हानि भाव में पड़ रहा है। ग्रहण के समय मंगल बुध की राशि मिथुन में तथा बुध मंगल की राशि मेष में हो कर एक अशुभ राशि परिवर्तन योग बनाकर कोई बड़ा आर्थिक घोटाला, जिसके तार विदेश से जुड़े हों, उजागर होने के योग निर्मित कर रहा है।
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राशि पर प्रभाव
मेष, वृष, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, मीन राशियों के लिए 20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। मिथुन, कर्क, सिंह, धनु, कुंभ इनके लिए यह सूर्यग्रहण कुल मिलाकर शुभ फलदायी रहेगा।

Source: Jodhpur

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