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जोधपुर।

इस बार वर्ष 2023 में हिंदू कैलेंडर का 13वां महीना मिलेगा, जिसमें अधिकमास शामिल होगा। विक्रम संवत 2080 में पड़ने वाले अधिकमास के कारण सावन दो महीने का होगा, जो 59 दिन तक रहेगा। खास बात यह है कि यह संयोग 19 साल बाद बन रहा है। हर तीन साल पर एक अतिरिक्त मास होता है, जिसे अधिकमास या मलमास कहलाता है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। किला रोड महादेव अमरनाथ के पं कमलेशकुमार दवे ने बताया कि इस वर्ष सावन 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहेगा। श्रावण मास के दौरान अधिकमास पड़ रहा है, इसलिए उस दौरान भगवान हरि के साथ भोलेनाथ की भी जमकर कृपा बरसेगी।
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अधिकमास में नहीं होंगे शुभ काम
पं अनीष व्यास ने बताया कि पहला सावन का महीना, जो मलमास होगा, उसमें सावन से संबंधित शुभ काम नहीं किए जाएंगे। दूसरे सावन के महीने में यानी शुद्ध सावन मास में सभी धार्मिक और शुभ काम किए जाएंगे।

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33 दिनों का समायोजन अधिकमास

दरअसल वैदिक पंचांग की गणना सौरमास और चंद्रमास के आधार पर होती है. एक चंद्रमास 354 दिनों का होता है, वहीं एक सौरमास 365 दिनों का होता है। इस तरह से इन दोनों में 11 दिन का अंतर आ जाता है। लिहाजा 3 साल में यह अंतर 33 दिन का हो जाता है। इस तरह हर तीसरे वर्ष में 33 दिनों का अतिरिक्त एक माह बन जाता है। इन 33 दिनों के समायोजन को ही अधिकमास कहा जाता है।

सावन सोमवार की तिथियां

पहला सोमवार- 10 जुलाई
दूसरा सोमवार- 17 जुलाई

तीसरा सोमवार- 24 जुलाई
चौथा सोमवार- 31 जुलाई
पांचवा सोमवार- 07 अगस्त

छठा सोमवार-14 अगस्त
सातवां सोमवार- 21 अगस्त
आठवां सोमवार- 28 अगस्त
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Source: Jodhpur

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