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Biparjoy Cyclone Effect : बिपरजॉय चक्रवात के सक्रिय होने से फलोदी में आमजन को भले ही बड़ी आफत से राहत मिली हो, लेकिन सोलर कम्पनियों को बिपरजॉय को बिजली उत्पादन को तगड़ा झटका दिया है। जानकारों की माने तो चक्रवात तूफान के सक्रिय होने से तीन दिनों में 35 से 40 फीसदी बिजली उत्पादन में गिरावट हुई है। जिसके चलते फलोदी जिले के बाद क्षेत्र से 1.84 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन कम बना, जिसका असर बिजली कम्पनियों को पांच करोड़ के करीब का नुकसान हुआ।

35 फीसदी गिरावट का झटका
खेजड़ी पर इस तरह की गांठे बेमौसम हो रही आंधी व बरसात की वजह से हो रही है। जिसकी मूल वजह ग्लोबल वार्मिंग है। यदि पृथ्वी का तापमान यदि पृथ्वी का तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो ऋतु परिवर्तन का प्रतिकूल असर हर पेड़- पौधे व प्राणी पर पड़ेगा।

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तापमान से थी राहत
गौरतलब है कि सोलर ऊर्जा संयत्र के लिए सूरज की तल्खी अच्छी मानी जाती है, लेकिन जून माह की गर्मी सोलर बिजली उत्पादन के लिए अच्छी नहीं रही है। इस माह में तापमान 45 डिग्री पार होते ही बिजली उत्पादन में गिरावट होनी शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल बदल रहे मौसम के बीच जून में तापमान सामान्य से अधिक नहीं चढ़ा जिससे सोलर कम्पनी उत्पादकों को इस साल अच्छी बिजली उत्पादन की उम्मीद थी।

गर्मियों में इसलिए हुई उत्पादन में गिरावट
बिपरजॉय के असर के कारण सोलर प्लेट्स पर सूरज की रोशनी सीधी सम्पर्क में नहीं आई। जिसके कारण सोलर प्लेट्स अपनी क्षमता के अनुरूप बिजली उत्पादन नहीं कर पाई और करीब 35 से 40 फीसदी तक बिजली उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई।
– अवनीश मिश्रा, मैनेजर सौर ऊर्जा कम्पनी ऑफ राजस्थान लिमिटेड
– डॉ. पुरुषोत्तम लाल, सहायक आचार्य, वनस्पति विज्ञान

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Source: Jodhpur

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