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बाड़मेर. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हृदय रोग विभाग में सुपर स्पेशियलिटी मिलने के बाद सबसे बड़ी जरूरत कैथ लैब की सुविधा का लम्बे समय से इंतजार है। लैब नहीं होने पर हृदय रोगों से जुड़ी समस्याओं का उपचार नहीं हो रहा है। अस्पताल में केवल ईको टेस्ट और परामर्श तक की विशेषज्ञों की सेवाएं मरीजों को मिल रही है।
बाड़मेर में डीएम कॉडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति को करीब 8 महीने पूरे हो चुके है। अब कैथ लैब का मार्ग प्रशस्त हो तो विभाग की सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा को मरीजों को लाभ मिल पाए। अभी ओपीडी तक की सेवाएं विशेषज्ञ चिकित्सक यहां पर प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा ईको जांच हो रही है।
रोज हो रही है 25-30 ईको जांच
बाड़मेर में हृदय रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रोजाना करीब 25-30 रोगियों की ईको जांच की जा रही है। डीएम कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. बालाराम चौधरी की गत नवम्बर में नियुक्ति हुई थी। हार्ट के सुपर स्पेशियलिटी विभाग की ओर से अब तक साढ़े तीन हजार ईको की जा चुकी है। लेकिन लैब के अभाव में ऑपरेशन टेबल पर पर होने वाली विशेषज्ञ की प्रेक्टिस पूरी तरह से बंद है।
लैब हो तो रोजाना 5 एंजियोग्राफी
बाड़मेर में कैथ लैब हो तो रोजाना पांच रोगी ऐसे होते हैं, जिनको एंजियोग्राफी की जरूरत है। लेकिन लैब के अभाव में ऐसे रोगी अन्यत्र उपचार के लिए जाते हैं। यहां से अधिकांश हार्ट की बीमारियों से जुड़े मरीज गुजरात जाते हैं। जहां पर काफी पैसा खर्च होता है। कॉलेज में लैब शुरू हो जाए तो मरीजों को आने-जाने की परेशानी के अलावा आर्थिक रूप से होने वाली दिक्कत से भी निजात मिल सकती है।
सुपर स्पेशियलिटी में अब 2 विशेषज्ञ
सुपर स्पेशियलिटी में पिछले दिनों एक और हृदय रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति हुई है। इसके चलते अब अब दो चिकित्सकों की सेवाएं यहां पर मिलेगी। कैथ लैब बन जाने पर विभाग की बेहतर सुविधाओं को मरीजों को फायदा मिल पाएगा।
इनका कहना है
कैथ लैब के टेंडर के फाइनल स्टेज की जानकारी है। राज्य सरकार के स्तर का मामला होने के कारण वहीं से लैब के लिए ऑर्डर जारी होंगे।
डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य व नियंत्रक राजकीय मेडिकल कॉलेज बाड़मेर

Source: Barmer News

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