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बजरंग गौड़@बाड़मेर.करीब दस साल पहले थार में आई अनार की खेती इस साल 100 करोड़ की हो जाएगी। 5000 हैक्टेयर में बोए अनार की फसल आनी शुरू हो गई है। जीरे के बाद अब बाड़मेर अनार की खेती में भी प्रदेश में पहचान बनाने लगा है। रेगिस्तान में तेल के कुओं के साथ ही जमीन में निकला पानी किसानों की जिंदगी बदल रहा है।

तीन श्रेणी के होते हैं अनार
अनार की गुणवत्ता को लेकर तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें 500 ग्राम से अधिक वजन के अनार को ए, 300 से 500 तक के अनार को बी तथा 300 से कम वजन के अनार को सी श्रेणी में रखा जाता है। इनमें से ए और बी श्रेणी के अनार की काफी मांग है। वहीं कीमत इनकी कीमत भी सी केटेगरी से करीब 50 प्रतिशत तक अधिक मिल जाती है।

एक हैक्टेयर में 2 लाख के अनार
एक हैक्टेयर में लगे पौधों से प्रति वर्ष करीब 50 क्विंटल अनार की उपज हो रही है। ऐसे में कुल 5 हजार हैक्टेयर में इस बार 2 लाख 50 हजार क्विंटल अनार की उपज होगी। यह किसानों को बाजार से करीब 100 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाएंगे। वहीं समय पर स्प्रे व पानी देकर इसे और बढ़ाया जा सकता है।

अनार फटना बड़ी समस्या
किसानों को अनार के फल फटने को लेकर बड़ी समस्या सामने आ रही है। इसके बाद उन्हें बाजार में पूरी कीमत नहीं मिल पाती। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम में उतार-चढ़ाव, समय पर पानी व स्प्रे नहीं देने से यह समस्या आ रही है। इससे बचाव के लिए किसान समय पर बोरेक्स व कैल्सियम नाइट्रेट का छिड़काव करें। साथ ही जरूरत के अनुसार पानी दिया जाए तो अनार नहीं फटेंगे।

समय पर करें छिड़काव
खेती में नवाचार से किसानों का उत्थान हो रहा है। अनार की खेती से किसानों को बड़ी आमदनी हो रही है। अनार फटने की समस्या से निजात के लिए फल लगने के बाद बोरेक्स 0.3 प्रतिशत का छिड़काव करें। इसके एक माह बाद कैल्सियम नाइट्रेट 0.2 प्रतिशत का छिड़काव करना चाहिए। साथ ही निर्धारित समय पर पानी देते रहना चाहिए।- डॉ. प्रदीप पगारिया, प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र, गुड़ामालानी

Source: Barmer News

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