जोधपुर/खीचन/पत्रिका। मैं अभी मरी नही, बल्कि जीवित हूं, फिर भी मेरी पेंशन मृत मानकर बंद कर दी गई है। ऐसे में अब मैं जीवित हूं, इसका प्रमाण देने के लिए चक्कर बहुत लगा चुकी, लेकिन मुझे कोई जीवित मानने को तैयार नहीं। सात माह पेंशन नहीं मिलने के बाद फलोदी जिला के लोहावट पंचायत समिति की आमला पंचायत की रहने वाली वृद्ध महिला अणची ने आपबीती बयान की।
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अणची ने बताया कि 31 दिसंबर 2022 के पहले उसे नियमित पेंशन मिलती थी। इसके बाद जीवित होने का वैरिफिकेशन नहीं हुआ, जिससे जिम्मेदारों ने बिना पड़ताल किए ही उसे कागजों में मृत घोषित कर दिया। जिससे उसकी पेंशन बंद हो गई। जब पेंशन पुन: चालू करवाने को लेकर प्रखंड कार्यालय पहुंची तो अणची को कागजों में मृत होने की जानकारी हुई, वहीं जिम्मेदारों को भी गलती का अहसास हुआ, लेकिन बावजूद इसके ऑनलाइन मृत घोषित महिला को पुन: जीवित नहीं किया जा रहा है। जिससे सामाजिक सुरक्षा पेंशन के बिना आर्थिक तंगी के हालात बन रहे है।
महिला अणची के पति धारूराम ने बताया कि करीब सात माह से लगातार सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए चक्कर लगा रही हूं। एक मात्र गुजर-बसर करने का साधन पेंशन ही थी। जब तक पंचायत से पेंशन मिलती थी, तब तक सब ठीक रहा, लेकिन गत साल दिसम्बर के बाद से पेंशन मिलनी बंद हो गई। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पेंशन के दस्तावेजों में गत नौ जून को अणची की मृत्यु होना घोषित किया गया है।
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पेंशन धारक महिला अणची अभी भी जिंदा हैं। जबकि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में महिला को मृत घोषित किया गया है। महिला के सिस्टम पेंशन वेरिफिकेशन करने पर पता लगा की पंचायत समिति लोहावट से अणची देवी को मृत घोषित किया गया है।- राणूलाल, ई-मित्र संचालक
करवाता हूं मामले की जांच
अभी मैं प्रखंड मुख्यालय से बाहर हूं। मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की जानकारी लेकर इस दिशा में कार्रवाई की जाएगी। पेंशन अपनी अपनी पंचायत से ग्राम सेवक ही भेजते हैं। पेंशन चेक करने वाला ऑपरेटर आज यहां है नही उनके आने के बाद चेक करवाते है। महिला को उसका हक जरूर मिलेगा। – हेमाराम, विकास अधिकारी
Source: Jodhpur