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जोधपुर। प्रदेश में मानसून की रफ्तार बेहद सुस्त हो चुकी है। इस वक्त उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से आगामी 24 घंटों में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि इस तंत्र के प्रभाव से पूर्वी राजस्थान के कोटा, भरतपुर, उदयपुर व जयपुर संभाग के कुछ भागों में 6-7 सितंबर से मेघगर्जन के साथ कहीं-कहीं बारिश (IMD Rain Alert) की गतिविधियां शुरू होने की संभावना है।

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मेघगर्जन के साथ बारिश की गतिविधियां पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में 8 से 15 सितंबर के दौरान भी जारी रहने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर व जोधपुर संभाग के कुछ भागों में 8-9 सितंबर से छुटपुट स्थानों पर हल्की/मध्यम बारिश की गतिविधियां शुरू होने की संभावना है। सितंबर के तीसरे सप्ताह में बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने से राज्य के कुछ भागों में मानसून गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।

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बता दें कि बता दें कि प्रदेश में 86 साल बाद अगस्त में सबसे कम बरसात हुई है। इस साल अगस्त महीने में केवल 30.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जबकि राजस्थान में अगस्त महीने में बरसात का सामान्य औसत 155.7 मिलीमीटर है। करीब 80 प्रतिशत कम बरसात हुई है। इससे पहले वर्ष 1937 में 27.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। सर्वाधिक सूखा 1905 के अगस्त में रहा, जब केवल 15.2 मिमी पानी ही बरसा। इस साल प्रदेश में भरतपुर, धौलपुर, दौसा और करौली जैसे जिलों को छोड़कर अधिकांश जिलों में केवल बूंदाबांदी ही हो सकी। मौसम विभाग के अनुसार सितंबर महीने में भी मानसून की बारिश के कोई खास असर नहीं है लेकिन अगर सिस्टम मिल जाता है तो कुछ बारिश जरूर होगी। इससे किसानों को राहत मिल सकती है।

Source: Jodhpur

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