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बालोतरा (बाड़मेर). क्षेत्र के गांव खंडप की सरहद में तेंदुए के शिकार के बाद शनिवार को दूसरे दिन भी वन विभाग टीम को कोई सफलता नहीं मिली। टीम ने कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपी पकड़ में नहीं आए। प्रारंभिक जांच में शिकार में तीन जनों के शामिल होने की जानकारी मिली है और इनकी शिनाख्त हो चुकी है।

तेंदुए के शिकार के फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने पर गुरुवार रात वन विभाग जयपुर के उच्चाधिकारियों ने बालोतरा- सिवाना के विभागीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इस पर शुक्रवार को बालोतरा-सिवाना के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने समदड़ी- जालोर पुलिस के सहयोग से खोजबीन शुरू की। मृत तेंदुए के साथ शिकारियों के वायरल हुए फोटो के आधार पर टीमों ने खंडप, राखी व इसके आसपास के गांवों में कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपी पकड़ में नहीं आए। वन विभाग की तीन -चार टीमों ने शनिवार सुबह फिर सेआरोपियों के संभावित स्थानों पर दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। वन विभाग की प्रारंभिक जांच अनुसार तेंदुए का शिकार हुआ है, लेकिन कितने दिन पहले हुआ, कौन से स्थान पर किया गया, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं हो पाई है।

न अवशेष मिले ना आरोपी पकड़ में
दो दिनों में मामले में विभागीय जांच के अनुसार तेंदुए का शिकार होने की पुष्टि हुई है। वायरल फोटो के आधार पर अब तक तीन जनों की पहचान हुई है। कुछ और लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं। खंडप, राखी व जालोर क्षेत्र के शिकारी होने की जानकारी है, लेकिन किसी के पकड़ में नहीं आने पर शिकार कितने दिन पहले कहां हुआ, कौन कौन शामिल थे, क्या-क्या हथियार, सामान उपयोग में लिया गया आदि की सूचना नहीं है। शिकार किए गए तेदुंए के अवशेष भी अभी तक नहीं मिले हैं।

देरी पर कहीं आरोपी बच निकल न पाएं

जानकारी अनुसार शिकार के इस मामले के आरोपी दो दिन पूर्व गांव में खुले आम घूम रहे थे। फोटो वायरल होने व वन विभाग की कार्रवाई की भनक पर ये गायब हो गए। जानकार शिकार में कुछ प्रभावशाली लोगों के शामिल होना बता रहे हैं। इस पर संदेह जताया जा रहा है कि विभाग की देरी पर कहीं ये लोग दफनाए गए स्थान से तेंदुए को निकाल कर जला कर सबूत ही नष्ट नहीं कर दें।

Source: Barmer News

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