जोधपुर. Rajasthan election 2023 : देश में महिला आरक्षण का शोर है। सभी राजनीतिक दल महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने का दावा भले ही करें, लेकिन हकीकत इसके उलट है। जोधपुर को ही ले लीजिए। यहां विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी शुरू से ही सबसे कम रही है। 70 साल के चुनावी इतिहास में महज 10 महिलाओं को ही प्रमुख पार्टियों ने चुनावी मैदान में उतारा है। इनमें से सिर्फ चार महिलाएं ही जीत कर विधानसभा पहुंची है। सबसे ज्यादा बार चुनावी रण में उतरने का रिकॉर्ड भी सूर्यकांता व्यास के नाम है।
तीन मुख्यमंत्री दिए पर महिलाओं को मौका नहीं मिला
जोधपुर ने अब तक कई बड़े दिग्गज नेता दिए हैं। इनमें जयनारायण व्यास, बरकतुल्लाह खां और अशोक गहलोत सहित तीन मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। लेकिन महिलाओं को मौका देने में पीछे रहा है। अब तक सिर्फ 6 विधायक ही दोनों प्रमुख पार्टियों से जीत कर विधानसभा में पहुंची हैं। इनमें सबसे ज्यादा बार सूर्यकांता व्यास 6 बार जीती हैं।
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10 में से 7 विधानसभा में उतरी हैं महिलाएं
जोधपुर शहर विधानसभा
– सूर्यकांता व्यास भाजपा के टिकट पर 4 बार चुनावी मैदान में उतरीं और 3 बार जीती हैं।
– मनीषा पंवार एक बार कांग्रेस के टिकट पर जीती हैं।
शेरगढ़ विधानसभा सीट
– 1985 में भाजपा से रतन कंवर उतरी और जीती।
– 2018 में कांग्रेस से मीना कंवर जीती।
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ओसियां विधानसभा सीट
– 2013 में लीला मदेरणा कांग्रेस के टिकट पर उतरी और हार गई।
– 2018 में दिव्या मदेरणा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गई।
भोपालगढ़ सीट
– 2008 से लेकर 2018 तक भाजपा की कमसा मेघवाल तीन बार मैदान में उतरी और दो बार जीती।
– 2008 में कांग्रेस ने हीरा देवी को टिकट देकर मैदान में उतारा था, लेकिन वह जीत नहीं पाई।
सूरसागर सीट
– इस सीट पर 2008 से अब तक लगातार तीन बार भाजपा की सूर्यकांता व्यास ही विजेता है।
फलोदी सीट
– 1993 में भाजपा से पुष्पा देवी मैदान में उतरी और हारी।
लूणी सीट
– 2013 में अमरीदेवी कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरी और हार गई।
(बिलाड़ा, लोहावट और सरदारपुरा विधानसभा सीट से अब तक कांग्रेस-भाजपा ने एक भी महिला को टिकट नहीं दिया है।)
फैक्ट फाइल
– 10 विधानसभा सीट में से 3 सीट ऐसी हैं जहां एक भी बार महिला को टिकट नहीं दिया गया।
– 7 सीट में से अब तक 10 महिलाओं को दोनों ही पार्टियों ने टिकट दिया है।
– 6 महिलाएं जीत कर विधानसभा पहुंची है।
Source: Jodhpur