न्याय के देवता शनिदेव कुंभ राशि में रहते हुए चार नवंबर शनिवार को मार्गी होंगे। यानि वे सीधी चाल चलेंगे। वे गत 18 जून से इसी राशि में रहते हुए वक्री चल रहे थे, जो 139 दिन बाद अपनी चाल बदल रहे हैं और अब सीधी चाल चलेंगे।
ज्योतिषियों का मत है कि शनि के सीधी चाल में आने से अधिकांश राशियों के लोगों के रुके हुए काम पूरे होने की प्रबल संभावना रहेगी। शनिदेव एक राशि में ढाई साल रहते हैं। कुंभ राशि में उनका प्रवेश करीब 30 साल बाद गत 17 जनवरी को हुआ था। जबकि कुंभ उनके स्वामित्व वाली ही राशि है। राशि बदलाव से शनि की ढैय्या और साढ़े साती के जातकों को भी बड़ी राहत मिलेगी। इसके बाद शनिदेव आगामी 29 मार्च 2025 तक लम्बे समय तक कुंभ राशि में ही रहेंगे। इसके बाद वे 23 फरवरी 2028 तक मीन राशि में रहते हुए एक बार फिर वक्री व मार्गी होंगे।
स्थानीय ज्योतिषी पंडित ओमा महाराज के अनुसार आगामी 4 नवंबर यानि शनिवार को शनि रात 10.16 बजे मार्गी होंगे। कुंभ शनि की मूल त्रिकोण राशि है। अभी मकर, कुंभ व मीन राशि के लोगों पर शनि की साढ़े साती और कर्क, वृश्चिक राशि के लोगों पर शनि की ढैय्या चल रही है। जिसके चलते अब शनिवार से शनिदेव के सीधी चाल चलने के बाद मकर, कुंभ व मीन राशि के लोगों को शनि की साढ़े साती एवं कर्क व वृश्चिक राशि के लोगों को शनि की ढैय्या से भी बड़ी राहत मिलेगी।
Source: Jodhpur