जैसलमेर के पोकरण फायरिंग रेंज में भारतीय सेना के तीनों अंगों की ओर से संयुक्त युद्ध अभ्यास त्रिशक्ति प्रहार सोमवार से शुरू हो गया। पहले दिन वायु सेना, आर्मी और नेवी के जवान रेंज में पहुंचे। एक दूसरे से मुलाकात के बाद युद्धाभ्यास में होने वाले कार्यक्रम की रणनीति बनाई। आर्मी की 21 कोर की ओर से आयोजित त्रिशक्ति प्रहार में पुणे स्थित वायुसेना की दक्षिण पश्चिमी कमान इसमें मुख्य रूप से भाग ले रही है। इसमें सेना के तीनों अंग ऑपरेशनल कैपेबिलिटी और रेडिनेस का प्रदर्शन करेंगे। नए हथियार और तकनीक को परखा जाएगा। वर्तमान वैश्विक परिद़श्य को देखते हुए युद्धाभ्यास काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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तीनों सेना के हथियार हो रहे शामिल
त्रिशक्ति प्रहार में तीनों सेनाओं के सामरिक अस्त्र शस्त्र शामिल हो रहे हैं। अनुमान के मुताबिक 30 हजार सैनिक भाग ले रहे हैं। आर्मी के टी-90एस और अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, विभिन्न प्रकार के हॉवित्जर, हेलीकॉप्टर और अन्य हथियारों के अलावा वायुसेना के लड़ाकू विमान, अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर और नेवी के विभिन्न विमान भाग ले रहे हैं।
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युद्ध की वास्तविक परिस्थितियों में अभ्यास
युद्धाभ्यास दौरान खुफिया व निगरानी, टोही विमान द्वारा लंबी दूरी के हमले, सटीक उच्च-मात्रा के हमलों द्वारा दुश्मन के छक्के छुड़ाने सहित एकीकृत वायु-भूमि और संयुक्त हथियार संचालन, तेज गतिशीलता और गहरी-स्ट्राइक आक्रामक क्षमताओं जैसी विभिन्न क्षमताओं का प्रदर्शन होगा। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता भी परखी जाएगी। वर्तमान में कई नए हथियार है जो इलक्ट्रोनिक तकनीक पर काम करते हैं और युद्ध में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
ड्रोन से युद्ध को परखा जाएगा
युद्धाभ्यास में मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी/ड्रोन), सटीक-निर्देशित मिसाइलें, लोइटर युद्ध सामग्री, काउंटर-ड्रोन सिस्टम, संचार प्रणाली और स्वचालित स्पेक्ट्रम निगरानी प्रणाली जैसी विशिष्ट टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की जाएगी। रुस-युक्रेन के अलावा इजराइल-फिलिस्तीन संकट से भी अनुभव लेते हुए टेक्नोलॉजी को परखा जाएगा।
Source: Jodhpur