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RAS Exam: Rajasthan: Barmer: विपरित हालात के बावजूद हार नहीं मान कर एक युवा ने चतुर्थश्रेणी कर्मचारी से सफर शुरू किया और लगन और मेहनत से आरएएस में चयनित होकर सपना पूरा किया है।
जिले के भीमड़ा निवासी पवन प्रजापत का बचपन मुश्किलों में गुजरा। दिहाड़ी मजदूर पिता की सात संतानों में सबसे बड़े हैं। घर के आर्थिक हालात सही नहीं होने पर उन्होंने एक बार पढ़ाई बीच में छोड़ी तो मजदूरी भी की।

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इसके बाद उनका चयन 2012 में इंडियन आर्मी में मल्टी टास्किंग स्टाफ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में चयन हुआ। 2013 में रेलवे में छह माह गैंगमैन रहे। इसके बाद 2014 में पटवारी बने। 2016 इओ आरओ परीक्षा में वे राजस्थान में चौथे स्थान पर रहे और अब आरएएस में 170वीं रैंक पर फाइलन चयन हुआ है। उन्होंने सफलता का श्रेय जगदीशसिंह, परिवार व मित्रों को दिया।

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इनका भी हुआ चयन
बाड़मेर की योषिता कल्ला धर्मपत्नी हर्षवर्धन छंगाणी का राजस्थान प्रशासनिक सेवा में 393वीं रैंक पर चयन हुआ है। योषिता के पिता राजेश कल्ला व्याख्याता और माता गायत्री कल्ला प्रधानाध्यापिका है।
गडरारोड तहसील के फोगेरा गांव के रहने वाले गोविन्दसिंह राजपुरोहित पुत्र बालसिंह राजपुरोहित ने पहले ही प्रयास में राजस्थान प्रशासनिक सेवा भर्ती परीक्षा में 245वीं वरीयता से सफलता प्राप्त की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व बड़े भाई गणपत सिंह को दिया है। उन्होंने बिना कोई कोचिंग के घर पर रहकर पढाई की।

Source: Barmer News

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